मध्यप्रदेश में सरकारी शिक्षकों के लिए अब मोबाइल ऐप से ई-अटेंडेंस लगाना अनिवार्य हो गया है। हाईकोर्ट ने इस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया।
मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की हाजिरी अब मोबाइल ऐप के जरिए ही लगेगी। हाईकोर्ट ने सोमवार को इस नियम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार के आदेश में किसी तरह की दखल की ज़रूरत नहीं है।
दरअसल, राज्य सरकार ने 20 जून 2025 को सभी सरकारी शिक्षकों को मोबाइल ऐप के माध्यम से ई-अटेंडेंस लगाने के निर्देश दिए थे। इस आदेश को कुछ शिक्षकों ने कोर्ट में चुनौती दी थी।
सोमवार को जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि कई ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क कमजोर है। इसके अलावा ऐप में तकनीकी खराबी की समस्या भी होती है।
कोर्ट ने कहा कि इन कारणों से आदेश को रद्द करने का कोई ठोस कारण नहीं बनता। सुनवाई के दौरान अदालत के रुख को देखकर याचिकाकर्ताओं ने खुद ही अपनी याचिका वापस ले ली।
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब सभी सरकारी स्कूलों में ई-अटेंडेंस लगाना अनिवार्य हो गया है। यह कदम शिक्षण व्यवस्था में पारदर्शिता लाने और शिक्षकों की उपस्थिति पर नजर रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।







