Admission Of Children : राजस्थान शिक्षक संघ ने विरोध प्रदर्शन कर कलेक्टर के माध्यम से शिक्षा मंत्री राजस्थान सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा है। जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत में राज्य सरकार ने पहली कक्षा में प्रवेश की आयु 5 वर्ष के बढ़ाकर 6 साल कर दी है। इसलिए प्रदेश के 62000 सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा में प्रवेश नहीं होने से इन स्कूलों में पहली कक्षा संचालित ही नहीं होगी।
प्राइवेट विद्यालय में जायेंगे बच्चे
अगर पाँच साल में एडमिशन नहीं हुआ तो बच्चे प्राइवेट स्कूलों में दाख़िला ले लेंगे। जिससे 8-10 लाख नामांकन कम होगा। एक बार जिस बच्चे ने प्राइवेट स्कूल में एडमिशन ले लिया तो वह अगली साल सरकारी स्कूल में एडमिशन लेने नहीं लेगा। जिससे सरकारी स्कूलों में अगले सत्र में पहली और दूसरी कक्षाएं नहीं चलेंगी।
इसके बाद अगले सत्र में पहली दूसरी और तीसरी कक्षा संचालित नहीं हो पायेगी। यह क्रम इसी प्रकार आगे चलता रहेगा। जब प्राथमिक कक्षाओं से स्टूडेंट्स मीडिल और माध्यमिक कक्षाओं को नहीं मिलेंगे तो वे कक्षाएं भी संचालित नहीं हो सकेंगी।
ज्ञापन सौपने वालों का कहना है कि सरकार बड़ी चालाकी से सरकारी स्कूलों को निजीकरण की चादर उडाने जा रही है। इसलिए संगठन सरकार के शिक्षा शिक्षक एवं शिक्षार्थी विरोधी निर्णय का विरोध कर रहा है। इस दौरान शिक्षकों ने आंदोलन की चेतावानी दी।
ज्ञापन देने वालो में इनकी रही उपस्थिति
शिवदान थोरी, भवानीप्रसाद मीणा, राजकुमार पारीक, मंगनीराम, रामनिवास मिर्धा, सुनिल बलारा, हरिराम बिजारनियाँ, भँवर सिंह, अर्जुनराम बागड़ी, भींवाराम भाकर प्रेमाराम ढाका, अयूब कुरैसी, अब्दुल रऊफ़, नानुराम गोदारा, सहदेव मंडा, रामदेव गुलेरिया, राजेश खिलेरी, श्रीभगवान सेवदा, संजय खटीक, पंकज चौधरी, अर्जुन राम गांधी, गोपाल मीणा, मुक्ता राम मामडोली, शैताना राम, मोहनराम भाकर सहित कई शिक्षक मौजूद रहे।