प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम पहुंचे। उन्होंने 18,530 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। पीएम ने भूपेन हजारिका को श्रद्धांजलि दी और जनता को संबोधित किया।
गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूर्वोत्तर दौरे का आज दूसरा दिन रहा। वे असम पहुंचे और 18,530 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।
भूपेन हजारिका को श्रद्धांजलि
शनिवार को मणिपुर दौरे के बाद पीएम गुवाहाटी पहुंचे। यहां उन्होंने भारत रत्न भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद गुवाहाटी की सड़कों पर रोड शो भी किया। बड़ी संख्या में लोग प्रधानमंत्री का स्वागत करने पहुंचे।
असम में नई परियोजनाएं
- रविवार को मोदी ने दरांग, गुवाहाटी और गोलाघाट की कई परियोजनाओं की नींव रखी।
- गुवाहाटी रिंग रोड का शिलान्यास किया गया।
- नुमालीगढ़ रिफाइनरी के विस्तार से जुड़े प्रोजेक्ट शुरू हुए।
- कई नई सड़क और बुनियादी ढांचे को हरी झंडी मिली।
पीएम मोदी का संबोधन
#WATCH | Darrang, Assam: Prime Minister Narendra Modi says, "…Mujhe kitne hi gaaliya de, main bhagwan Shiv ka bhakt hoon, saara zehar nikal leta hoon… but when someone else is insulted, I cannot tolerate that. You people tell me, is my decision of honouring Bhupen Da with… https://t.co/2jEsJ8VROC pic.twitter.com/I3ASoSE7jp
— ANI (@ANI) September 14, 2025
सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि “मुझे कितनी ही गालियां दें, मैं भगवान शिव का भक्त हूं, सारा जहर पी लेता हूं। लेकिन जब किसी और का अपमान होता है, तो मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता।”
मोदी ने लोगों से सवाल किया कि भूपेन हजारिका को भारत रत्न देना सही निर्णय था या नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इस सम्मान को लेकर असम का अपमान किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह उनकी असम की पहली यात्रा है। मां कामाख्या के आशीर्वाद से यह ऑपरेशन सफल रहा। उन्होंने कहा कि जन्माष्टमी जैसे पवित्र दिन इस धरती पर आकर उन्हें विशेष अनुभूति हो रही है।
सुरक्षा नीति पर श्रीकृष्ण संदर्भ
मोदी ने याद दिलाया कि लाल किले से उन्होंने श्रीकृष्ण और सुदर्शन चक्र का उल्लेख किया था। असम की धरती से उन्होंने एक बार फिर सुरक्षा नीति को इसी सोच से जोड़ा।प्रधानमंत्री का यह दौरा एक साथ विकास और धार्मिक भावनाओं से जुड़ा दिखाई दिया। इसे पूर्वोत्तर को जोड़ने वाला बड़ा कदम माना जा रहा है।







