MP News : जबलपुर के माढ़ोताल क्षेत्र में एक व्यक्ति द्वारा एक ही जमीन का शासन से तीन बार मुआवजा लेने का मामला सामने आया है। इसकी शिकायत ईओडब्ल्यू में दर्ज हुई है। प्रारंभिक जाँच में यह बात सामने आई है कि अधिगृहित भूमि का शासन से मुआवजा लेने के बाद फिर से इसी भूमि का नियम विरुद्ध तरीके से डायवर्सन करा लिया गया। उक्त फर्जीवाड़े को नगर निगम के अधिकारियों व अन्य विभागों की मिलीभगत से अंजाम दिया गया। इसमें शासन को सवा करोड़ रुपए से ज्यादा की क्षति पहुँचाई गई। जाँच में अभी और भी तथ्य सामने आएँगे।
एसपी ईओडब्ल्यू आरडी भारद्वाज के अनुसार न्यू रामनगर अधारताल निवासी रितुध्वज अग्रवाल ने ईओडब्ल्यू को एक शिकायत के साथ कुछ प्रामाणिक दस्तावेज भी सौंपे हैं, जिसमें उल्लेख किया गया है कि तहसील अधारताल ग्राम माढ़ोताल में हरिमोहन दास टंडन की निजी स्वामित्व की 5 एकड़ जमीन जिसका खसरा नंबर-119 था उक्त जमीन वर्ष 1955 में दो बराबर भागों में रतिराम दहायत एवं बहादुर कोल को विक्रय की गई थी। उनके द्वारा इस जमीन कोदूसरों को बेच दिया गया था। सड़क व सीवर प्लांट के लिए अधिग्रहण शिकायत में बताया गया कि नगर निगम द्वारा कठौंदा में सीवर लाइन व सड़क निर्माण के लिए उक्त भूमि का अधिग्रहण किया जाना था।
यह प्रक्रिया वर्ष 1977 में शुरू हुई, मुआवजा भूमि स्वामी की स्वामित्व वाली जमीन में से 0.251 हेक्टर भूमि का अधिग्रहण कर वर्ष 1988 से 1991 के मध्य 96208 रुपए दिए गए, लेकिन ननि ने राजस्व रिकॉर्ड दुरुस्त नहीं कराया। इसके बाद भूस्वामी की मौत के बाद उनके परिजनों द्वारा दोबारा 11 लाख 23 हजार मुआवजा प्राप्त किया गया।
गायब हुई फाइल और फिर ले ली रकम
शिकायत में बताया गया कि वर्ष 1988-1991 में प्राप्त मुआवजे की फाइल गायब हो गई। इसके बाद इसी जमीन के अधिग्रहण के नाम पर तीसरी बार अतिरिक्त अधिग्रहण भूमि जो कि खसरा नंबर 119-3 की थी का वर्ष 2019-20 में 1 करोड़ 17 लाख रुपए मुआवजा लिया गया।