Singrauli News : एनसीएल द्वारा भूमि अधिग्रहण के लिए टीआईएसएस टीम को मकानो का भौतिक सत्यापन का कार्य दिया गया है। गुरूवार को तीसरे दिन नापी दल बस को झिंगुरदा में खड़ी करके वार्ड क्रमांक 7 के झुमरियां टोला में पहुंच कर मनमाने ढ़ंग से नापी कर मेजरमेंट बना रही उसी समय एसपीएम की टीम मोके पर पहुंचर नापी कार्य को रोक दिया
टीआईएसएस टीम के साथ एनसीएल मुख्यालय एवं झिंगुरदा परियोजना के एनसीएल सुरक्षा कर्मियों के साथ संविदा सुरक्षा कर्मी मुक दर्शक बने रहे। मोरवा क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 7 झुमरिया टोला में टीआईएसएस की टीम नापी करने पहुंची नापी शुरू करते ही लोग एकजुट होकर हंगामा शुरू कर दिए, लेकिन एक तरफ हंगामा हो रहा था तो वहीं दूसरी तरफ घर की नापी चल रही थी नापी करने आई टीम के विरोध में सैकड़ो की संख्या में विस्थापित एकत्रित होकर नापी का विरोध कर रहे थे। वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग टीम को लेकर अपने घर का नापी करवाने लगे हुए थे।
कुछ लोगों का कहना है कि विस्थापन को लेकर एनसीएल द्वारा रोड मैप जारी नहीं किया गया है ना ही नापी का एक प्रति हितग्राही को दिया जा रहा है। एनसीएल किसी भी बात को स्पष्ट नहीं कर रही है इस बात को लेकर उन्होंने एनसीएल पर नाराजगी जाहिर करते हुए नापी का विरोध करते नजर आए तो दूसरी तरफ कुछ लोगों का कहना है कि हमारे घरों में दरारें आ रही हैं घर में रहना मुश्किल हो गया है इसलिए हम अपने मकान का नापी करवाएंगे।
हालांकि धीरे-धीरे बड़ी संख्या में विस्थापितों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया और ज्यादातर लोग नापी का विरोध करने लगे। मंगलवार से नापी करने आ रही टीम पहले दिन बैरंग वापस चली गयी। वही दुसरे दिन 3 घरो का किसी तरह नापी कर सकी। जबकि तीसरे दिन एनसीएल सुरक्षा कर्मियो के साथ आई टीम बड़े मुश्किल से एक घर का किसी तरह नापी कर सकी है। विदित हो कि एनसीएल द्वारा जयंत एवं दुधीचुआ खदान विस्तार हेतु मोरवा का विस्थापन करने के लिए 9 फरवारी 2024 को धारा 9 लागू किया गया है। इसके बाद से ही मोरवा के स्थानीय लोगो में मुआवजा रेट एवं नापी को लेकर असमंजस की स्थित बरकरार है।
एनसीएल अधिकारियों के साथ हुई कई बार बैठको में भी कोई नतीजा नही आने से लोगों में एनसीएल प्रबंधन के प्रति दिनो दिन असंतोष बढ़ते जा रहा है। लेकिन अभी तक इसमें किसी भी प्रकार का एनसीएल द्वारा रोड मैप जारी नहीं किया गया है। विस्थापित नेताओं का आरोप है की एनसीएल द्वारा अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है कि प्लाट कहां दिया जाएगा, जमीन, मकान, पेड़, बोर, कुंआ ,एवं अन्य संपत्तियों का रेट स्पष्ट नहीं किया गया है। एनसीएल द्वारा किसी भी प्रकार का रोड मैप जारी नही किए जाने से स्थानीय लोगो में एनसीएल प्रबंधन के प्रति धीरे धीरे असंतोष बढ़ते जा रहा है।