MP News : मप्र सरकार अगले एक साल में प्रदेशभर में बैकलॉग के खाली पड़े 10 हजार पदों पर भर्तियां करेगी। सीधा फायदा एससी, एसटी, ओबीसी और दिव्यांग उम्मीदवारों को होगा। कैबिनेट ने गुरुवार को बैकलॉग-कैरीफॉरवर्ड के पदों को भरने विशेष भर्ती अभियान में एक साल की बढ़ोतरी कर दी है। अब इस भर्ती अभियान की समय सीमा 1 जुलाई 2024 से शुरू होकर 30 जून 2025 तक रहेगी। बता दें कि प्रदेश में बैकलॉग के कुल 17 हजार पद हैं, जिनमें से 7 हजार पद भरे जा चुके हैं। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को देय महंगाई भत्ता व महंगाई राहत भी 4% बढ़ाया गया है।
एक जुलाई 2023 से 7वें वेतनमान में 4% वृद्धि को मंजूर किया गया। इसके साथ कैबिनेट ने गुरुवार को मध्यप्रदेश क्लाउड पॉलिसी 2024 को मंजूरी दे दी है। इसके बाद सभी सरकारी विभागों को अपना डेटा सुरक्षित रखने के लिए एमपीएसईडीसी की क्लाउड सेवाएं मिल सकेंगी। क्लाउड सेवाओं के भुगतान के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को सरकार बजट उपलब्ध कराएगी। मप्र राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (एमपीएसईडीसी) से विभागों को क्लाउड सेवाएं मिलने से अब खुद अपना डेटा सेंटर बनाने या प्राइवेट क्लाउड सेवाएं लेने पर होने वाले खर्च से मुक्ति मिलेगी। गौरतलब है कि सबसे ज्यादा परेशानी महिला बाल विकास विभाग को लाड़ली बहना योजना का डेटा सुरक्षित रखने में आ रही थी। सरकार के इस फैसले के बाद अब एमपीएसईडीसी में क्लाउड मानिटरिंग यूनिट (सीएमयू) की स्थापना की जाएगी।
कैश ले जाने वाली गाड़ियों 5 करोड़ ले जा सकेंगी
एटीएम या बैंकों के लिए कैश इधर से उधर ले जाने वाली गाड़ियों के लिए अब मप्र में नए नियम होंगे। शहरों में रात 9 बजे और ग्रामीण इलाकों में शाम 7 बजे के बाद कैश का कोई ट्रांसपोर्टेशन नहीं होगा। यदि गाड़ी में 10 करोड़ रुपए तक कैश है तो उसमें दो गार्ड अनिवार्य होंगे। यदि कैश इससे ज्यादा है तो गाड़ी में हथियारों से लैस दो गार्ड, ड्राइवर समेत दो कर्मचारी, सीसीटीवी, लॉकर, कम्युनिकेशन का स्ट्रांग सिस्टम और जीपीएस ट्रैकिंग होना जरूरी होगा। कैबिनेट ने मध्यप्रदेश निजी सुरक्षा अभिकरण (रोकड़ परिवहन कार्यकलापों के लिए निजी सुरक्षा) नियम, 2024 के ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को मंजूरी दे दी है।
स्मार्ट-पीडीएस सिस्टम पर 8.35 करोड़ खर्च होंगे
कैबिनेट ने मप्र में केंद्र के स्मार्ट-पीडीएस सिस्टम को लागू करने की मंजूरी दे दी। इस पर राज्य सरकार 3 साल में 8.35 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसके लागू होने पर पात्र परिवार राशन कार्ड के जरिए देश की किसी भी पीडीएस दुकान से राशन ले सकेंगे। उनका डेटा सुरक्षित रहेगा, डेटा डुप्लीकेसी की समस्या और सॉफ्टवेयर के कारण सर्वर हैंग की समस्या भी दूर हो जाएगी।
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