MP News : शिक्षा विभाग एक ऐसा विभाग होता है जहां से बच्चों का भविष्य तय होता है लोग शिक्षा से ही ईमानदार और बेईमान बन सकते हैं शिक्षा के मंदिर में बच्चों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाया जाता है और उन्हें देशभक्ति का भी पाठ यहीं से पढ़ाया जाता है शिक्षा के मंदिर से ही बच्चों के मन में उदारता और दूसरों की मदद करने की भावना भी जागृत होती है लेकिन आजकल शिक्षा विभाग से भी रिश्वतखोरी का मामला सामने आ रहा है अभी कुछ दिन पूर्व मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें शिक्षा विभाग के एक अधिकारी रिश्वत लेते दिखाई दे रहे थे और उन पर कार्यवाही हुई थी और अब एक और मामला मध्य प्रदेश के खरगोन जिले से आया है चलिए आपको पूरी बात विस्तार से बताते हैं.
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दे कि पूरा मामला मध्य प्रदेश के खरगोन जिले से आया है जहां एक महिला हेडमास्टर 250 रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ी गई है आपको बता दें कि पूरा मामला खरगोन जिले के सनावद क्षेत्र के नलवा गांव का है जहां नलवा के माध्यमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापक स्नेह लता पवार ने जाति प्रमाण पत्र देने के नाम पर अभिभावक से ₹250 की रिश्वत ली थी इसके बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर ने प्रधान अध्यापिका को सस्पेंड कर दिया है.
क्यों बाज नहीं आ रहे रिश्वतखोर?
आपको बता दे कि वीडियो वायरल होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने पूरे मामले की जांच करवाई थी और इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर प्रधानाध्यापिका को सस्पेंड कर दिया गया है लेकिन सोचने वाली बात यह है कि शिक्षा के मंदिर में भी इस तरह से सौ सौ दो ₹200 अभिभावकों से लिए जा रहे हैं और छोटे-मोटे कागजों के नाम पर बच्चों के अभिभावकों को सताया जा रहा है ऐसे में बच्चों की भविष्य की बागडोर किनके हाथों में है यह सोचने वाली बात है.
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