Singrauli News : बोरवेल हादसे में सौम्या की दर्दनाक मौत मामले में सीएम मोहन यादव द्वारा संज्ञान में लेने के बाद जिला प्रशासन नींद से जागा है। सीएम के सख्त रुख अपनाने पर आनन-फानन में जनपद पंचायत चितरंगी में पदस्थ रहे तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी हरिश्चंद्र द्विवेदी, पीएचई एसडीओ एमएल पटेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश रीवा कमिश्नर बीएस जामोद ने दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने एक्स अकाउंट पर मासूम की मौत मामले में संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि जनपद पंचायत चितरंगी के एक गांव में 3 वर्षीय बालिका की खुले बोरवेल में गिरने से दुःखद मौत हुई थी। खुले बोरवेल का सत्यापन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने में लापरवाही बरती गई है। इसलिए पीएचई में पदस्थ सहायक यंत्री एमएल पटेल व तत्कालीन जनपद पंचायत सीईओ हरिश्चंद्र द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्देश दे दिया गया है।
प्रदेश के सभी प्रशासनिक अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया गया है कि भविष्य में ऐसी अप्रिय दुर्घटना की पुनरावृत्ति न होने पाये, यह सुनिश्चित किया जाये।
गौरतलब है कि खुले बोरवेल / नलकूप बंद कराने का अभियान 24 अप्रैल 2024 को शुरू किया गया था। जिसमें स्पष्ट निर्देश था कि एक भी बोरवेल खुला नहीं छूटना चाहिये, इसलिए प्रमाण-पत्र भी प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य था। उस समय हरिश्चंद्र द्विवेदी जनपद पंचायत चितरंगी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी थे, जबकि एमएल पटेल एसडीओ पीएचई थे। इसके कारण कमिश्नर बीएस जामोद ने जनपद पंचायत चितरंगी के तत्कालीन सीईओ हरिश्चंद्र द्विवेदी और पीएचई एसडीओ एमएल पटेल के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला के प्रतिवेदन पर किया है।
6 जिम्मेदार लोगों को थमाया नोटिस
बोरवेल में गिरने से हुई मासूम की मौत मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है। जिला पंचायत सीईओ गजेन्द्र सिंह नागेश ने 6 लोगों के विरूद्ध कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिसमें ग्राम पंचायत कसर के सरपंच, बीपीओ, वर्तमान उपयंत्री, तत्कालीन उपयंत्री, सचिव व रोजगार सहायक शामिल हैं। जारी आदेश में कहा है कि 29 जुलाई को ग्राम पंचायत कसर के खैरीडांड़ टोला के निवासी राम प्रकाश साहू की पुत्री सौम्या साहू उम्र 3 वर्ष की मौत खुले बोर में गिरने के कारण हो गयी है। ऐसे खुले बोरवेल को बंद कराने का आदेश 24 अप्रैल को जारी किया गया था लेकिन आप लोगों द्वारा यह महत्वपूर्ण कार्य नहीं किया गया। झूठा प्रमाणपत्र आप लोगों द्वारा प्रस्तुत कर दिया गया कि कोई भी बोरवेल खुला नहीं है। यह उक्त कार्य घोर लापरवाही का द्योतक है। अतः 6 अगस्त तक अपना पक्ष प्रस्तुत करें अन्यथा एकपक्षीय कार्रवाई की जायेगी.