Mothers Milk Bank In MP : मप्र में अभी भोपाल के जयप्रकाश अस्पताल और इंदौर शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में ही मदर मिल्क बैंक बना है। लेकिन, अब हम कोशिश करेंगे कि प्रदेश के हर मेडिकल कॉलेज में एक मदर्स मिल्क बैंक तैयार हो। इससे उन महिलाओं को भी सहूलियत होगी, जो बच्चे के लिए दूध इसमें प्रिजर्व करना चाहती हैं और उन बच्चों को भी मां का दूध मिल सकेगा, जिनको किसी भी कारण से मां का दूध नहीं मिल पा रहा है।
यह बात डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने कही वे विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत मंगलवार को नेशनल हेल्थ मिशन के दफ्तर में आयोजित फोटोग्राफी एएजीबिशन और संवाद सत्र में शामिल हुए। कार्यक्रम में नेशनल हेल्थ मिशन की एमडी प्रियंका दास ने कहा कम्यूनिटी लेवल पर अवेयरनेस का काम किया जाए, तो शायद डब्बाबंद दूध के मार्केट का इनफ्लूएंस भी कम किया जा सकता है। डिप्टी डायरेक्टर चाइल्ड हेल्थ डॉ. हिमानी यादव और यूनिसेफ के कम्यूनिकेशन स्पेशलिस्ट अनिल गुलाटी मौजूद रहे।
मप्र में 43 फीसदी बच्चों को ही मिल पाता है स्तनपान
एक्सपर्ट्स ने कहा- मप्र देश के उन 10 राज्यों में से है, जो ब्रेस्ट फीडिंग की शुरुआत कराने में बहुत तेजी से बढ़ रहा है। एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट के मुताबिक, अब भी 91% संस्थागत प्रसव होने के बावजूद मप्र में केवल 43 प्रतिशत बच्चों को ही जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान मिल पाता।
स्लीमनाबाद टनल का निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश
उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने मंगलवार को मंत्रालय वल्लभ भवन मैं स्लीमनाबाद टनल निर्माण कार्य प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण करने और आवश्यक सावधानियों का पालन करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आवासीय क्षेत्र के नीचे टनल निर्माण करते हुए विशेष सावधानी बरती जाये। उल्लेखनीय है कि विगत दिवस मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा स्लीमनाबाद टनल निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा की गई थी। बरगी व्यपवर्तन परियोजना प्रोजेक्ट से जबलपुर, कटनी, मैहर, सतना और रीवा सहित आसपास के जिलों के कृषकों को सिंचाई और ग्रामीणों को पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी। औद्योगिक इकाइयों को भी नहर प्रणाली के माध्यम से जल आपूर्ति होगी।
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