Singrauli News : सिंगरौली जिले के गनियारी व्यवसायिक प्लाजा के जर्जर हालत को देख अल्टीमेटम दिये जाने के बाद आज दिन बुधवार की शाम 4 बजे से दुकानों को सील कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इस दौरान एसडीएम सृजन वर्मा, आयुक्त डीके शर्मा, उपायुक्त आरपी बैस, कार्यपालन यंत्री व्हीपी उपाध्याय, टीआई अशोक सिंह, उपयंत्री एसएन द्विवेदी एवं भारी संख्या में ननि का स्टाफ व पुलिस बल मौजूद था.
गौरतलब है कि वर्ष 2010 में करीब 4 करोड़ रूपये के अधिक लागत से गनियारी अम्बेडकर चौक में व्यावसायिक प्लाजा का निर्माण कराया गया। किन्तु प्लाजा कमीशनखोरी के भेंट चढ़ गया और बनने के 9 साल के अन्दर ही जर्जर हालत में पहुंचने लगा। इसका भौतिक सत्यापन भी रीवा के इंजीनियरों से कराया गया। जहां प्रतिवेदन में इसे जीर्ण शीर्ण बताकर मरम्मत कराने का सलाह दिया था। परिषद के बैठकों में भी यह मुद्दा उठता रहा। लेकिन परिषद भी किसी ठोस नतीजे पर नही पहुंच पाया था।
पिछले दिनों सागर जिले के शाहपुर में मंदिर परिसर में दिवाल गिरने से 9 बच्चों की हुई मौत के बाद प्रदेश सरकार जर्जर भवनों को खाली कराकर जमींदोज कराने के निर्देश दे दिये हैं। किसी प्रकार की अनहोनी न हो इसके मद्देनजर सुरक्षा के लिहाज से व्यवसायिक प्लाजा को खाली कराने के लिए निगमायुक्त सक्रिय हो गए। आज सुबह ही प्लाजा के सामने प्रवेश द्वार पर सार्वजनिक सूचना का प्लैक्सी नगर निगम के द्वारा लगा दिया गया है। व्यवसाय करने वाले समस्त व्यवसायिकों को नोटिस दी जा चुकी है और उनके दुकानों को तत्काल निरस्त करने के लिए सूचित कर दिया गया है। साथ ही प्लाजा में आमजन का प्रवेश भी तत्काल प्रभाव से निषेधित किया है।
नगर निगम के इस कार्रवाई के बाद जहां व्यापारियों में हड़कंप मच गया। वहीं दूसरी ओर एसडीएम, निगमायुक्त सहित पुलिस बल के साथ प्लाजा पहुंच एक-एक दुकानों का बन्द कराना शुरू कर दिया। इस दौरान व्यापारियों ने भी जाहिर की और कहा कि इस भरी बरसात में हम लोग कहा जाएं। कोविड काल में व्यवसायिक चौपट हो गया था। अब नगर निगम हम लोग के व्यवसाय को निपटाने में अमादा है। इस दौरान एसडीएम एवं आयुक्त ने सुरक्षा एवं जानमाल का हवाला देकर व्यापारियों को समझाते रहे।
इस सीजन में चिड़ियों के घोसले भी नहीं उजाड़ते
व्यापारियों ने नाराजगी जाहिर करते हुये कहा कि साहब इस भरी बारिस में चिड़ियों के घोसले को भी नहीं उजाड़ते। हम लोग कहा जाएं। दुकान के इतनी सामग्रियों को कहा रखे। जगह भी नहीं है और इतना जल्दी सिफ्ट भी नहीं कर सकते। प्लाजा की गुणवत्ता बेहद खराब है। इसको नकारा नहीं जा सकता। इसमें व्यापारियों की क्या गलती है। जिसकी सजा सैकडों व्यापारियों को मिल रही है। गुणवत्ता विहीन कार्य हुआ है तो उस दौरान ननि में पदस्थ अधिकारियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध हो और लागत से लेकर हमलोग के नुकसानी तक का भी राशि वसूल की जाए। साथ में उनकी भी संपत्ति जप्त करने की कार्रवाई हो। तभी भ्रष्टाचारियों की आँखे खुलेगी। आयुक्त ने कहा कि इसपर भी चर्चाएं हो रही है। आगे बड़ी कार्रवाई होगी। आप सब इंतजार कीजिए। व्यवस्थाओं को थोड़ा वक्त लगता है।
कई व्यापारियों ने दुकान खाली करने से किया इंकार
दुकानों को बन्द कराने की कार्रवाई की जा रही थी। इसी दौरान कई व्यापारियों ने खुले तौर पर कहा कि जब तक नगर निगम लिखित तौर के साथ-साथ दूसरी दुकाने मुहैया नहीं कराता तब तक दुकानों को खाली करना मुश्किल है। वही संयुक्त व्यापार मण्डल बैढ़न के अध्यक्ष राजाराम केशरी ने कहा कि प्रशासन से दुकान खाली कराने के लिए मोहलत मांगी जा रही है। लेकिन प्रशासन सुन नहीं रहा है। प्लाजा के घटिया निर्माणकार्य हुआ है तो इसमें व्यापारियों की गलती क्या है। उन्हें इतनी जल्दी दुकानों को खाली कराने का दबाव क्यो बनाया जा रहा है।