Singrauli News : हाईकोर्ट जबलपुर के आदेश के बावजूद अपने मूल पदस्थापना वाले विद्यालय में 5 वर्ष से ज्यादा समय से अनुपस्थित रहने वाले दो शिक्षकों सुरेश कुमार मिश्र व प्रमिला दुबे को जिला शिक्षा अधिकारी ने बर्खास्त कर दिया है। 7 अगस्त को जारी किये गये आदेश में डीईओ ने कहा है कि प्रमिला दुबे की मूल पदस्थापना 8 अगस्त 2006 में संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-2 के पद पर हुई थी। इनकी पहली पोस्टिंग शापूमावि परसौना में हुई थी। वहीं दूसरे शिक्षक सुरेश कुमार मिश्र की पहली पदस्थापना 4 फरवरी 2007 में शापूमावि कसर में संविदा शाला शिक्षक के रूप में हुई थी। 2010 में संविलियन के बाद दोनों को अध्यापक संवर्ग में शामिल कर लिया गया था। इसके बाद दोनो शिक्षकों ने अपना स्थानांतरण ग्रामीण क्षेत्र से नगर निगम क्षेत्र के विद्यालयों में करा लिया था। प्रमिला दुबे अध्यापक से पदोन्नति पाते हुए वरिष्ठ अध्यापक बन गई थीं।
इनकी पदस्थापना शाउमावि विंध्यनगर में थी, जबकि सुरेश कुमार मिश्र ने वरिष्ठ अध्यापक के पद पर पदोन्नति पाते हुए शाउमावि बालक वैढ़न में अपनी पदस्थापना करा ली थी। इसी बीच ग्रामीण क्षेत्र से नगर निगम क्षेत्र में आये शिक्षकों की पदोन्नति लगातार मिलने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी गई थी। जिसमें हाईकोर्ट ने निर्णय दिया था कि दोनों शिक्षक नगर निगम क्षेत्र के स्कूलों से वापस अपने मूल पदस्थापना वाले स्कूलों में वापस हो जायें लेकिन सुरेश मिश्र व प्रमिला दुबे मूल पदस्थापना वाले विद्यालय ज्वाइन करने नहीं पहुंचे। सुरेश कुमार मिश्र 5 वर्ष 5 माह व 17 दिन व जबकि प्रमिला दुबे 5 वर्ष 5 माह व 13 दिवस मूल पदस्थापना वाले विद्यालय से गायब पाई गई हैं। जिसके बाद सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का आदेश जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी कर दिया है।