MP News : मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था कितनी अच्छी है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि 9 माह की गर्भवती महिला को एक भी टीके नहीं लगाए गए इसके साथ ही इस महिला का हीमोग्लोबिन 2 ग्राम से भी कम हो गया और स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमलों की बात करें जिसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, एएनएम सहित महिला बाल विकास की कई कर्मचारियों की लापरवाही साफ तौर पर देखी जा सकती है.
कई योजनाओं को चलाने के बाद भी ऐसी हालात
सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं के लिए कई सारी योजनाएं चलाई जा रही है लेकिन जमीनी स्तर पर अगर देखा जाए तो आज भी स्वास्थ्य विभाग की हकीकत कुछ और ही बयां करती है जब कोई महिला गर्भवती होती है तो महिला बाल विकास के द्वारा गर्भवती महिलाओं की एंट्री किया जाता है इसके साथ ही समय-समय पर गर्भवती महिलाओं का सरकार के द्वारा टीकाकरण करने की भी व्यवस्था की गई है बीच-बीच में इन महिलाओं को हीमोग्लोबिन भी चेक करना रहता है लेकिन एक ऐसी घटना सामने आई है जिसे सभी को हिला कर रख दिया है.
क्या है पूरा मामला?
पूरा मामला मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले के मुंगावली ब्लॉक की चिरावली गांव का है यहां एक 27 वर्षीय महिला प्रीति आदिवासी का घर पर ही डिलीवरी कराया गया और 5 दिन के बाद वह गंभीर हालत में अपने मासूम बच्चे और पति के साथ सिविल अस्पताल मुंगावली पहुंची जहां महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने जब महिला का हिमोग्लोबिन चेक कराया तो डॉक्टरों के होश ही उड़ गये यहां महिला का हीमोग्लोबिन डेड ग्राम के लगभग पाया गया इसके बाद महिला का प्राथमिक उपचार कर जिला अस्पताल अशोकनगर के लिए रेफर कर दिया गया।
महिला की हुई है नॉर्मल डिलीवरी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पीड़ित महिला की घर पर ही नॉर्मल डिलीवरी करा दी गई है इसमें स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमलों आशा कार्यकर्ता, एएनएम सहित महिला बाल विकास की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की बड़ी लापरवाही सामने आई है और पति का कहना है कि उनकी पत्नी का एक भी टीकाकरण नहीं कराया गया है और ना ही इनकी कोई एंट्री हुई है पति बताते हैं कि रविवार को ही उनकी पत्नी की डिलीवरी घर पर हो गई।