Singrauli News : अपर सत्र न्यायाधीश वारीन्द्र कुमार तिवारी के न्यायालय ने शासकीय राशि के गबन के मामले में रजमिलान हायर सेकेंड्री के तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य और वर्तमान में बीईओ वैढ़न रामदास साकेत निवासी पीटीएस चौराहा समीप रीवा को भादंसं की धारा 409 के अधीन 7 वर्ष के सश्रम कारावास सहित 30 हजार रुपये अर्थदंड का दंडादेश पारित किया है। न्यायालय ने भादंसं की धारा 420 के तहत भी 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 25 हजार रूपये अर्थदंड की सजा मुकर्रर की है। न्यायालय ने माड़ा थाना के अपराध क्रमांक 380/2015 के मामले में पुलिस द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर शासकीय राशि गबन करने के अपराध में तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रजमिलान को दोषी करार देकर उक्त अपराध की गंभीरता के मद्देनजर उपरोक्त सजा का फैसला सुनाया है।
जनसंवाद के दौरान कलेक्टर से ग्रमीणों ने की थी लिखित शिकायत
अभियोजन के अनुसार कलेक्टर सिंगरौली के जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान क्षेत्रीय ग्रामीणों ने प्रभारी प्राचार्य रामदास साकेत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रजमिलान के विरूद्ध लिखित शिकायत 7 सितंबर 2015 को की थी। जिस पर कार्यवाही करते हुए प्राचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। जिस पर प्रभारी प्राचार्य द्वारा दिये गये जवाब को समाधानकारक नहीं पाया गया। जिसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर विभागीय टीम द्वारा जांच की गई थी। जांच उपरांत आरोपी प्रभारी प्राचार्य को वित्तीय अनियमितता व गबन करने का आरोपी पाया गया था। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर माड़ा थाना में प्रभारी प्राचार्य रामदास साकेत के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। माड़ा थाना पुलिस के विवेचक अश्विनी शुक्ला द्वारा मामले में आरोपी के विरूद्ध भादंसं की धारा 420, 409 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया था।
कई चरणों में निकाले थे 4 लाख 94 हजार रूपये
अभियोजन के अनुसार मामले में पुलिस द्वारा विवेचना के तहत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रजमिलान के दस्तावेजी साक्ष्यों को खंगाले जाने पर पुलिस ने पाया था कि आरोपी प्रभारी प्राचार्य रामदास साकेत द्वारा 15 चरणों में प्रवंचना कर एसबीआई बैंक शाखा रजमिलान में विद्यालय के खाते से कुल 4 लाख 94 हजार 300 रूपये राशि को निकालकर अपने उपयोग में लाकर आपराधिक कृत्य किया था। मामले में आरोपी द्वारा यह भी उल्लेखित किया गया था। कारण बताओ नोटिस के जबाब में उसने लिखित में बताया था कि स्वयं के खाते से 3 चरणों में 3 लाख 3 हजार रूपये स्कूल के खाते में जमा भी किये गये थे। 1 लाख 82 हजार 694 रूपये का व्यय देयक एमएमडीसी खाते से संबंधित था, उसे भी पेश किया था। जांच दल ने पाया कि उसके द्वारा 3 हजार 606 रूपये का गबन करने के साथ ही उपरोक्त अन्य राशियों का स्वयं के उपयोग में निकासी कर अपराध कारित किया है। मामले में अभियोजन की ओर से न्यायालय में लोक अभियोजक बीएम शाह ने तार्किक ढंग से पक्ष रखा एवं आरोपी को कठोर सजा दिए जाने की मांग की थी।
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