Singrauli news : गर्मी के सीजन में नलकूप खनन का काम निजी और सरकारी स्तर पर किया जाता है। कई बार नलकूप खनन के बाद पानी नहीं मिलता है। पानी न मिलने पर नलकूप, बोरवेल को खुला छोड़ दिया जाता है, जिससे मासूम बच्चों के नलकूप में गिरने की घटनायें होती हैं। जिले में कोई भी सूखा और अनुपयोगी नलकूप व बोरवेल खुला न रहे, इसके लिए कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला द्वारा आदेश जारी किया गया है कि जो लोग भी बोरवेल और नलकूप खनन कराते हैं, खनन के बाद पानी नहीं मिलता है तो गड्ढे को खुला न छोड़ें। बोरवेल को कैप लगाकर बंद करें। अगर पाइप निकाली जाती है तो मिट्टी से बोरवेल के गड्ढे को भर दें ताकि बोरवेल खुला न रहे।
बोरिंग मशीन का पंजीयन करना अनिवार्य
बोरवेल और नलकूप खनन के लिए जो लोग बोरिंग मशीन चलाते हैं, उन सभी को मशीन का पंजीयन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में करवाना अनिवार्य किया गया है। बगैर पंजीयन के बोरवेल मशीनें चलती मिलेंगी तो जब्त किये जाने की कार्रवाई की जायेगी। बोरवेल खनन करने वाली जगह पर खनन एजेंसी का पूरा पता, मोबाइल नंबर व खनन का दिनांक लिखना अनिवार्य किया गया है। बोरवेल के चारों तरफ कटीले तार लगाने होंगे ताकि वहां तक कोई बच्चा न पहुंच पाये।
निगरानी रखने दिये गये निर्देश
गौरतलब है कि पिछले साल बरगवां के कसर में एक तीन साल की मासूम बालिका बोरवेल के गड्ढे में गिर गई थी। बालिका को बचाने का प्रयास किया गया लेकिन उसे नहीं बचाया जा सका। कसर जैसी घटना दोबारा जिले में न हो इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत सचिव, रोजगार सहायकों को और शहरी क्षेत्र में नगर निगम को निगरानी रखने के निर्देश दिये गये हैं। जाने-अनजाने में अभी तक अगर किसी का अनुपयोगी बोरवेल खुला पड़ा है तो उसे बंद करवा दें अन्यथा उसके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जायेगी.