Singrauliya Hawai Patti : पूर्व मुख्यमंत्री कुंवर अर्जुन सिंह ने सिंगरौली के जिला बनने के पहले ही यहां के लोगों को अनेकों सौगातें दी थीं। एनटीपीसी, एनसीएल, शैक्षणिक संस्थान, कॉलेज, साडा, नगर निगम, एनसीएल हेड क्वार्टर स्थापित करवाया था। उसी समय उन्होंने हवाई अड्डा के लिये जमीन का अधिग्रहण भी करवाया था। कुंवर साहब ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में यह सपना देखा था। उनका सपना था कि सिंगरौली के लोग विकास के नए आयाम को छुएं और हवाई जहाज से उड़ें। यह कहना है ग्रामीण कांग्रेस के महामंत्री प्रवीण सिंह चौहान का। उन्होंने दावा किया है कि जब सिंगरौलिया हवाई अड्डे की जमीन के अर्जन प्रक्रिया में काफी समय लग रहा था, तब दाऊ साहब ने स्वयं किसानों से सीधे संपर्क साध कर उचित लागत देकर किसानों से सीधे रजिस्ट्री करवाई थी।
इतना ही नहीं रजिस्ट्री में देरी व लापरवाही बरतने पर विकास प्राधिकरण के दो सर्वेयर रैंक के कर्मचारियों को उस वक्त निलंबित भी किया गया था। तीन स्थानीय संस्थाओं से एनसीएल, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण साडा एवं मध्य प्रदेश शासन के आर्थिक सहयोग से भूमि राज्यपाल मध्य प्रदेश शासन के नाम से क्रय की गई थी। जिसमें महती भूमिका उस वक्त पदस्थ अपर कलेक्टर स्वर्गीय यश महालिक की थी। खजुरी के समाजसेवी स्व. शालिग्राम पांडेय ने रजिस्ट्री करवाने में अहम भूमिका निभाई थी। इस एयरपोर्ट के निर्माण और एयरोप्लेन संचालन के लिए पूर्व खनिज निगम के अध्यक्ष बीपी सिंह राजा बाबा ने भी अथक प्रयास किये हैं।
हवाई अड्डा बन गया हवाई पट्टी
आज स्वर्गीय दाऊ साहब के सपनों को साकार होते देखकर हम कांग्रेसजनों में व्यापक हर्ष है किंतु इस विषय का खेद भी है कि जो सुविधा सिंगरौलीवासियों को दाऊ साहब उपलब्ध कराना चाहते थे। वह हवाई जहाज व हवाई अड्डे के रूप में वह भाजपा की सरकार में हवाई पट्टी और एयर टैक्सी के रूप में परिवर्तित हो गया है। आज भाजपा नेता उक्त हवाई पट्टी को अपनी उपलब्धि बता रहे हैं।
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