MP News : पड़ोसी अगर अच्छे मिल जायें तो सभी दुख तकलीफ कम लगने लगती है, लेकिन अगर पडोसी किचकिच करने वाला मिल जाये तो हँसती खेतली जिंदगी भी जहन्नुम बन जाती है ऐसा ही एक मामला इंदौर के परदेशीपुरा से सामने आया हैं जहाँ परदेशीपुरा थाना क्षेत्र में रहने वाले सुशील यादव और मुनमुन मिश्रा के परिवारों के बीच कील ठोकने को लेकर हुए विवाद में दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई.
इसके बाद मुनमुन मिश्रा का परिवार पड़ोसी परिवार सुशील यादव और उनके भतीजे चिंटू यादव से परेशान हो गया और उन्होंने अपने घर पर ‘यह मकान बिकाऊ है’ का पोस्टर भी लगा दिया और लिखा कि ‘प्रताड़ना के कारण यह मकान बेचना पड़ रहा है. ‘भारतीय जनता पार्टी पोषित गुंडा’, जिसके बाद इस पोस्टर ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. शख्स ने अपना मोबाइल नंबर लिखते हुए खुद को पुराना संघी भी बताया.
दोनों पड़ोसियों का बीजेपी से नाता है
बताया जा रहा है कि पोस्टर लगाने वाला शख्स यानी मुनमुन मिश्रा जनसंघ का पुराना कार्यकर्ता है और बाद में बीजेपी में शामिल हो गया. वहीं जिस पार्टी यानी सुशील यादव और उनके भतीजे चिंटू यादव पर आरोप लगा है, वे बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के समर्थक बताए जाते हैं. सुशील यादव और चिंटू यादव क्षेत्रीय विधायक रमेश मेंदोला के चहेते माने जाते हैं. चिंटू यादव इलाके के एक मंडल में महासचिव के पद पर भी हैं.
मौत की धमकी
मुनमुन मिश्रा की पत्नी ने कहा कि पड़ोसियों ने उनके पति को जान से मारने की धमकी दी है. आए दिन इन्हें जगह-जगह रोककर चाकू मारने की धमकी दी जाती है और इन लोगों की वजह से इलाके के अन्य लोग भी काफी परेशान हैं. वहीं घटना के बारे में पड़ोसी चिंटू यादव ने बताया कि घर से थोड़ी दूर पर एक मंदिर है, जहां सावन माह में पूजा-अर्चना करते हैं. वहीं मुनमुन मिश्रा ने भी इस कार्यक्रम की मेजबानी की. जब भी सावन में यादव का कार्यक्रम हुआ, मुनमुन मिश्रा ने ऐसे ही विवाद खड़े किए.
पुलिस मामले की जांच में जुट गई है
इस संबंध में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पूरा विवाद छोटी सी बात को लेकर है, लेकिन जिस तरह से पूरा मामला सामने आ रहा है, उसे देखते हुए दोनों पक्षों पर कार्रवाई की जा रही है.