Lokayukta Action : मध्यप्रदेश के लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने आज एक बार फिर भ्रष्ट शासकीय सेवक को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। गिरफ्तार शासकीय सेवक, जो नीमच जिले (Neemuch district) के मनासा तहसीलदार का रीडर है, को एक शिकायत के आधार पर वहां पहुंची उज्जैन लोकायुक्त पुलिस (Ujjain Lokayukta Police) की टीम ने ट्रैप किया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाही की जा रही है। इंदौर के एक वकील ने इस मामले में शिकायत की थी, जिसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने संज्ञान लिया और कड़ी कार्रवाही की। यह मामला भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की ओर एक और कदम है, जो भ्रष्टाचार को कम करने के लिए निरंतर जारी है।
शिकायत में आवेदक बलराम बैरागी ने बताया कि बैंक एवं तहसील कार्यालय की गतिविधियों के दौरान कुछ गृहस्वामियों द्वारा बैंक का ऋण नहीं चुकाने के कारण तीन मकानों की कुर्की आदेश एवं कब्जे के लिए तहसील कार्यालय, मानसा में आवेदन किया गया था। जिसके एवज में और पंचनामा देने के बदले विवेक चौहान ने 18000/- रुपये की मांग की, लेकिन 15000/- रुपये देने को तैयार हो गया, जिसमें से 3000/- रुपये विवेक पहले ही ले चुका था और 12000 रुपये बाकी थे.
पुष्टि के बाद लोकायुक्त ने ट्रैप की योजना बनाई
शिकायत के बाद Lokayukta Police ने आवेदक को एक टेप रिकॉर्डर दिया और रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि होने के बाद आज ट्रैप की योजना बनाकर लोकायुक्त उज्जैन डीएसपी राजेश पाठक की 12 सदस्यीय टीम ने रिश्वत की रकम 12000/- रूपये आवेदक को सौंप दी, याचिकाकर्ता बलराम बैरागी ने आरोपी विवेक चौहान को 12000/- रूपये की रिश्वत दी और टीम को इशारा किया, इशारा मिलते ही पूरी टीम ने तहसील कार्यालय में छापा मारा और आरोपी को रंगे हाथों पकड़ लिया।