Singrauli News : सिंगरौली जिले के देवसर तहसील के ग्राम गौरवा, झखरावल, बम्हनी एवं बहेरवाडांड की सैकड़ों एकड़ शासकीय भूमि पर सरहंगों ने कब्जा कर रखा है। जिससे आम लोगों का निस्तार बंद हो गया है। इसके साथ ही मवेशियों के लिये भी काफी दिक्कत हो रही है। इसी मामले को लेकर शनिवार को ग्रामीणों ने एसडीएम देवसर को ज्ञापन सौंपकर शासकीय भूमि का सरहंगों से कब्जे से मुक्त कराने की मांग की है। एसडीएम देवसर ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि अतिक्रमण कारियों को चिन्हित कर लिया गया है उनके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराने के निर्देश दिये जायेंगे।
यह है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि सेमरा नदी ग्राम झखरावल, गौरवा, बम्हनी बहेरवाडांड से होकर गुजरती है। नदी के किनारे सैकडों एकड़ शासकीय भूमि है। जो ग्रामीणों एवं आम लोगों के निस्तार के साथ ही मवेशियों के चारा के रुप में उपयोग होती आ रही है। लेकिन अब उस जमीन पर कुछ सरहंगों ने अपना कब्जा जमा लिया है। वहां मवेशियों एवं आम लोगों का चलना मुश्किल हो रहा है। शासकीय भूमि पर तेजी से निर्माण हो रहे हैं एवं सरहंगों ने खेती करना शुरु कर दिया है। कुछ लोगों के सरहंगता की वजह से हजारों लोग मुश्किल में हैं। ग्रामीणों ने एसडीएम से अनुरोध किया है उक्त शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही की जाय और शासकीय भूमि को कब्जा से मुक्त कराया जाय।
विवाद की स्थित
शासकीय भूमि पर कुछ लोगों ने सरहंगता पूर्वक कब्जा किया है। कुछ अतिक्रमण कारियों ने एक गिरोह बना रखा है। जिसमें कुछ चंद लोग शामिल है। जो आस पास की रिक्त समस्त भूमि अपना मकान बना लिये हैं और खेती कर लिये हैं। अब ग्राम वासी जो पूर्व की तरह उक्त जमीन में सार्वजनिक रुप से निस्तार उन्हें अतिक्रमण कारी रोकते हैं विवाद की स्थित आये दिन बनती है।
ग्रामीणों की यह है मुख्य मांगे
- सेमरा नदी के किनारे स्थित जमीन को पूर्णतः अवैध कब्जा मुक्त कराया जाय
- सेमरा नदी के किनारे बने मकान एवं खेती को नष्ट किया जाय
- अतिक्रमण कारियों पर मामला दर्ज कराया जाय
- बहेरवाडांड में बने तालाब को अतिक्रमण कारियों से मुक्त कराया जाय
- झखरावल एवं बम्हनी में बने स्टाप डेम को अतिक्रमण कारियों से मुक्त कराया जाय
ग्रामीणों को यह हो रही परेशानी
- मवेशियों को चराने के लिए भूमि, नहीं बची है
- शव जलाने एवं अन्य अंतिम संस्कार की क्रिया के लिए जगह नहीं
- बच्चों के खेल के लिए जगह नहीं
- नदी का दायरा सिकुड रहा, नदी का अस्तित्व संकट में
एसडीएम कार्यालय पहुंचे ग्रामीण
सेमरा नदी के किनारे स्थित राजस्व विभाग की भूमि वर्षों से रिक्त पड़ी हुयी थी। जिस पर कई गांव के लोग आम निस्तार करते रहे हैं। मवेशियों के चारा की व्यवस्था भी वहीं होती थी। वहां मवेशी स्वच्छंद विचरण करते रहे हैं और नदी का पानी पीते थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से उक्त राजस्व विभाग की भूमि पर कुछ चंद लोगों ले बिरोह बनाकर सरहंगता पूर्वक कब्जा कर लिया है।
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