Actor Rajendra Kumar : 20 जुलाई, 1929 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सियालकोट में जन्मे राजेंद्र कुमार को बचपन से ही फिल्मों का शौक था। बाद में राजेंद्र ने शौक को ही अपना पेशा बना लिया। राजेंद्र कुमार ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1950 में फिल्म ‘जोगन’ से की थी।
इस फिल्म में राजेंद्र के साथ दिलीप कुमार और नरगिस जैसे सितारे भी थे। पहली ही फिल्म में राजेंद्र को उनके अभिनय के लिए सराहना मिली। लेकिन राजेंद्र कुमार से जयंती कुमार तक का सफर इतना आसान भी नहीं था. इसके लिए इस एक्टर ने कई ठोकरें खाई हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब राजेंद्र कुमार अपने बड़े सपने के साथ सियालकोट से मुंबई आए तो उनकी जेब में सिर्फ 50 रुपये थे। एक्टर ने ये पैसे अपने पिता की घड़ी बेचकर जुटाए थे. मुंबई में राजेंद्र को गीतकार राजेंद्र कृष्ण का समर्थन प्राप्त था और उस समय राजेंद्र 150 रुपये के वेतन पर निर्देशक एचएस रवेल के सहायक के रूप में काम करते थे। राजेंद्र की पहली फिल्म 1950 में ‘जोगन’ थी लेकिन इंडस्ट्री में उन्हें असली मुकाम हासिल करने में सात साल लग गए।
1957 में आई फिल्म ‘मदर इंडिया’ ने रातों-रात राजेंद्र कुमार की किस्मत बदल दी। इस फिल्म में नरगिस ने मुख्य भूमिका निभाई थी. राजेंद्र कुमार का रोल छोटा था लेकिन उन्होंने अपने किरदार में पूरी जान डाल दी और दर्शकों की सराहना बटोरने में भी कामयाब रहे. फिर 1963 में फिल्म ‘महबूब’ से राजेंद्र कुमार मशहूर हो गए और राजेंद्र ‘द सुपरस्टार राजेंद्र कुमार’ बन गए। इसके बाद एक्टर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और सफलता की सीढ़ियां चढ़ने लगे. राजेंद्र कुमार को 1964, 1965 और 1966 में लगातार तीन वर्षों तक सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था। 1969 में राजेंद्र कुमार को पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
हालांकि, 70 का दशक आते-आते राजेंद्र कुमार का चार्म फीका पड़ने लगा। उनकी जगह इंडस्ट्री में सुपरस्टार राजेश खन्ना ने ले ली। राजेंद्र की जिंदगी में वो दौर भी आया जब फ़िल्में न मिलने के कारण उन्हें आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ा। तंगी इतनी बढ़ गई कि राजेंद्र को अपना लकी बंगला तक राजेश खन्ना को बेचना पड़ गया था।