Success Story : भारत (India) में अपने काम के साथ बिजिनेस करने का एक नया ट्रेंड उभर रहा है। कई युवा लोग बड़ी कंपनियों की नौकरी छोड़कर अपने व्यापार में निवेश (investment in business) कर रहे हैं और अच्छा मुनाफा (profits) कमा रहे हैं। बिहार (Bihar News) के आरा में, एक मास्टर्स किया हुआ फूड टेक्नोलॉजी (food technology) में, ITC कंपनी की नौकरी छोड़ने के बाद, एक किसान ने आधुनिक तरीके (modern methods) से फूलों की खेती करना शुरू किया है। इसमें वह गुलाब और जरवेरा की खेती करके हर साल 13 से 14 लाख रुपये कमा रहे हैं। उन्होंने भेडरी गांव में 40 कट्ठा भूमि में दो पॉलीहाउस (polyhouse) बनाए हैं और यूपी, झारखंड, और बिहार के कई जिलों में जरवेरा और विभिन्न प्रजातियों के गुलाब का प्रसारण कर रहे हैं।
शिया राम मौर्या (Shia Ram Maurya) कहते हैं कि पहले बैंगलोर (Bangalore) में ITC कंपनी में 22 साल तक काम किया था। उन्होंने मास्टर्स किया था खासकर एग्रीकल्चर और फूड टेक्नोलॉजी में। एक समय आया जब कॉरपोरेट नौकरी (corporate job) से वे थक गए और उन्होंने अपने ससुराल में आने का फैसला किया। वहां पर, उनके ससुर और सास ने कृषि काम की शुरुआत कर दी थी, और इस काम को बढ़ावा देने का जिम्मेदारी शिया राम (Shia Ram Maurya) को सौंप दिया था। उन्होंने फूलों की खेती (Flower farming) करना शुरू किया, और अब वे हर साल गुलाब और जरवेरा (Rose and Gervera) की खेती से 13 से 14 लाख रुपये कमा रहे हैं। वे अब 40 कट्ठे भूमि में दो पॉलीहाउस बनाए हैं, और उन्होंने अपने फूलों की खेती को यूपी, झारखंड और बिहार के कई जिलों में बढ़ावा दिया है।
इस काम के पीछे का सबसे बड़ा लाभ यह है कि जरवेरा और गुलाब के फूल तीन महीनों में खिलने लगते हैं और इसके बाद किसान एक पौधे से चार से पांच साल तक फूल तोड़कर बेच सकते हैं। इस तरीके से, एक पौधे से प्रति वर्ष 30-40 फूल हासिल हो सकते हैं, जिन्हें बाजार में 8 से 10 रुपये के मूल्य पर बेचा जा सकता है।