Petrol Diesel Price : वित्त मंत्रालय बजट बनाने के लिए अर्थशास्त्रियों, वित्तीय जानकारों और औद्योगिक संगठनों के साथ बैठकें कर रहा है। बुधवार को अर्थशास्त्रियों ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक में रोजगार सृजन पर जोर दिया। कहा गया कि सरकार को रोजगार पैदा करने की दिशा में नीतियां बनानी चाहिए। दूसरी ओर, सीआईआई और फिक्की ने टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (टीडीएस) को सरल बनाने का सुझाव दिया है। सीआईआई ने कहा, 33 धाराओं में 0.1% से 30% तक टीडीएस का प्रावधान है। एक जैसे मामलों में अलग दरें हैं। इसलिए 2 से 3 श्रेणी बनाएं। जैसे वेतन से सामान्य स्लैब रेट से टीडीएस लगे, लॉटरी व हॉसरेस की जीत में 30%, बाकी भुगतान में 2% हो। एक नेगेटिव लिस्ट हो, जिसमें ऐसे भुगतान का जिक्र हो जिस पर टीडीएस नहीं लगता। जीएसटी के 12% और 18% वाले स्लैब खत्म करें • सीआईआई ने पेट्रोल-डीजल, नेचुरल गैस, बिजली को जीएसटी में लाने, पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने का सुझाव दिया है। जीएसटी के टैक्स स्लैब घटाकर 3 करने का सुझाव। मौजूदा 12% व 18% वाले स्लैब का विलय करके 14 या 15% रखा जाए।
20 लाख तक कमाई वालों को आयकर में राहत
सीआईआई ने 20 लाख रुपए तक कर-योग्य आय वालों को आयकर में राहत देने का भी सुझाव दिया है। हालांकि इसकी स्पष्ट सिफारिश नहीं की। दूसरी ओर, अगले पांच वर्ष में विकास की गति बनाए रखने के लिए संगठनों व जानकारों ने रियायतों के अनुरोध से परहेज किया है।
शीर्ष स्तर के ज्यादातर अधिकारियों की जीएसटी को लेकर राय सकारात्मक
देश में बड़ी संख्या में शीर्ष प्रबंधन स्तर के अधिकारी (सी-सूट) माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के बारे में सकारात्मक धारणा रखते हैं। डेलॉयट के एक सर्वे में यह तथ्य सामने आया है। इनमें से कई अधिकारियों ने जीएसटी 2.0 के तहत कर दरों को तर्कसंगत बनाने और विवाद निपटान के लिए एक प्रभावी प्रणाली की वकालत की है। बुधवार को जारी डेलॉयट जीएसटी @ 7 सर्वेक्षण में ऑनलाइन माध्यम से सी-सूट और सी-1 स्तर के अधिकारियों को शामिल किया गया। ये अधिकारी विभिन्न उद्योग क्षेत्रों से जुड़े हैं। इसमें उन चीजों का उल्लेख किया गया है, जो जीएसटी के प्रति बढ़ते भरोसे को दर्शाता है। सर्वेक्षण में शामिल 84 प्रतिशत अधिकारियों ने 2024 में जीएसटी को लेकर सकारात्मक राय जताई। 2023 में यह संख्या 72 प्रतिशत और 2022 में 59 प्रतिशत थी।
ई-चालान सहित कर अनुपालन के स्वचालन को शीर्ष प्रदर्शन वाला GST क्षेत्र करार दिया गया है। सर्वेक्षण में हितधारकों के बीच लगातार परामर्श, स्पष्टीकरण परिपत्र/निर्देशों को नीति निर्माण के लिए सकारात्मक कदम माना गया। सर्वेक्षण में उन क्षेत्रों पर जिक्र है जहां अधिक सुधारों की जरूरत है। इनमें कर दरों को तर्कसंगत बनाना, एक प्रभावी विवाद समाधान प्रक्रिया लाना क्रेडिट अंकुशों को हटाना, आमने सामने हुए बिना (फेसलेस) कर आकलन की प्रक्रिया को अपनाना, निर्यात नियमों को उदार करना और अनुपालन रेटिंग प्रणाली लागू करना शामिल है। जीएसटी को एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था। इसमें 17 स्थानीय कर और शुल्क समाहित हुए थे।
ऑडिट और आकलन चुनौती बने हुए है
जीएसटी के सात साल पूरे होने के मौके पर डेलॉयट इंडिया ने यह सर्वेक्षण भारतीय कंपनियों की इसपर राय जानने के लिए किया है। सर्वेक्षण में शामिल 88 प्रतिशत सी सूट अधिकारियों (शीर्ष प्रबंधन के अधिकारी) ने उन क्षेत्रों का जिक्र किया जो चुनौती बने हुए हैं।
मजबूत माँग से कच्चे तेल में तेजी
मजबूत हाजिर मांग के बाद कारोबारियों द्वारा अपने सौदों का आकार बढ़ाने से वायदा कारोबार में बुधवार को कच्चा तेल की कीमत 32 रुपये की तेजी के साथ 6,116 रुपये प्रति बैरल हो गयी। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में कच्चे तेल का जुलाई माह में डिलिवरी होने वाला अनुबंध 32 रुपये या 0.53 प्रतिशत की तेजी के साथ 6,116 रुपये प्रति बैरल हो गया। इसमें 11,141 लॉट के लिए कारोबार हुआ। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कारोबारियों द्वारा अपने सौदों का आकार बढ़ाने से कच्चे तेल के वायदा कीमतों में तेजी आई। वैश्विक स्तर पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चा तेल 0.27 प्रतिशत की तेजी के साथ 73.51 डॉलर प्रति बैरल हो गया, जबकि ब्रेंट क्रूड का दाम 0.22 प्रतिशत बढ़कर 78.76 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।