आज के समय में ड्रोन पायलट बनना युवाओं के लिए नया करियर ऑप्शन है। जानिए कैसे लें DGCA ड्रोन पायलट सर्टिफिकेट, क्या है योग्यता और ट्रेनिंग प्रक्रिया।
ड्रोन पायलट बनना अब नया करियर विकल्प
आज के समय में ड्रोन सिर्फ शादी या फिल्मों की शूटिंग तक सीमित नहीं है। अब इसका उपयोग खेती-बाड़ी, पुलिस सर्विलांस, डिलीवरी सर्विस, रेस्क्यू ऑपरेशन और सर्वे जैसे कई कामों में किया जा रहा है। ड्रोन की बढ़ती जरूरत को देखते हुए ड्रोन पायलट बनना युवाओं के लिए एक नया और कमाई वाला करियर बन गया है।
क्या है ड्रोन पायलट सर्टिफिकेट
ड्रोन पायलट सर्टिफिकेट एक सरकारी प्रमाणपत्र है। इसे नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) जारी करता है। यहसर्टिफिकेट साबित करता है कि आप ड्रोन उड़ाने के लिए प्रशिक्षित हैं और कानूनी रूप से इसकी अनुमति रखते हैं। भारत सरकार ने 2021 में ड्रोन नियम लागू किए थे। इन नियमों के अनुसार बिना सर्टिफिकेट ड्रोन उड़ाना गैरकानूनी है।

योग्यता और जरूरी दस्तावेज
- ड्रोन पायलट बनने के लिए आपकी उम्र कम से कम 18 साल और अधिकतम 65 साल होनी चाहिए
- शिक्षा के लिए न्यूनतम योग्यता 10वीं पास रखी गई है।
- साथ ही व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होना जरूरी है।
- आवेदन करते समय आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी होना अनिवार्य है।
ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट प्रक्रिया
सर्टिफिकेट के लिए उम्मीदवार को DGCA की वेबसाइट पर जाकर मान्यता प्राप्त ट्रेनिंग सेंटर चुनना होता है। भारत में कई संस्थान ड्रोन पायलट ट्रेनिंग देते हैं। इनमें IGRUA, Drone Destination, Skylark Drones और Indira Gandhi Rashtriya Uran Akademi प्रमुख हैं।

ट्रेनिंग की अवधि आमतौर पर 5 से 7 दिनों की होती है। इसमें थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों क्लासेस ली जाती हैं। इस दौरान उम्मीदवारों को ड्रोन उड़ाने के नियम, एयर सेफ्टी, मौसम की जानकारी, नेविगेशन, मैपिंग और डेटा एनालिसिस जैसे विषय सिखाए जाते हैं। ट्रेनिंग के बाद DGCA एक ऑनलाइन टेस्ट लेता है। टेस्ट पास करने के बाद DGCA की वेबसाइट “Digital Sky Platform” पर जाकर सर्टिफिकेट डाउनलोड किया जा सकता है।
भविष्य में बढ़ेगा ड्रोन पायलट्स का दायरा
सरकार ने “ड्रोन शक्ति मिशन” के तहत देश में ड्रोन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने की योजना शुरू की है। आने वाले समय में कृषि, सुरक्षा, मीडिया, डिलीवरी और मौसम विभाग में ड्रोन पायलट्स की मांग तेजी से बढ़ेगी। यह क्षेत्र युवाओं के लिए रोजगार और तकनीकी विकास दोनों का नया अवसर बन रहा है।







