Up News : शाहजहाँ ने अपनी पत्नी की याद में ताज महल बनवाया था। इसी तरह फतेपुर के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की याद को संजोने के लिए प्रेम में डूबे पत्नी की मूर्ति बनवाकर मंदिर बनवा दिया।
पत्नी भक्त रामसेवक रैदास नाम के व्यक्ति फतेपुर के देबमई ब्लॉक के पड़रा गांव में रहते हैं। मई 2020 में पत्नी मायादेवी की मृत्यु हो गई। पत्नी से इतना प्यार था कि उनकी मूर्ति बनवाकर मंदिर बनवाकर स्थापित कर दिया।
रामसेवक और मायादेवी का वैवाहिक जीवन 53 वर्ष तक चला। कुछ दिनों की बीमारी के बाद मई 2020 में माया ने अंतिम सांस ली। रामसेवक कई दिनों तक जल बिन मछली की भाँति तड़पता रहा। फिर एक दिन माया की यादों को मूर्तियों के रूप में सहेजने का ख्याल आया।
9 नवंबर 2020 को एक संगमरमर की मूर्ति आई। मंदिर में समारोहपूर्वक स्थापित की गई मूर्ति को पालकी और संगीत वाद्ययंत्रों के साथ गांव से मंदिर तक जुलूस के रूप में निकाला गया। लोग मजाक बनाते रहे. विरोध के बावजूद रामसेवक पर कोई असर नहीं हुआ. उन्होंने कहा- जब मैंने मंदिर बनवाना शुरू किया तो गांव और आसपास के लोग मेरा मजाक उड़ाते थे. आलोचना का सामना करना पड़ा.
किसी ने उन्हें पत्नी का गुलाम कहा तो किसी ने पाखंडी कहा. उन्होने कहा कि मुझे किसी की परवाह नहीं थी.
चौडगरा घमापुर हाईवे पर बाबा कुआं से पधारा गांव तक सड़क से करीब 500 मीटर दूर इस मंदिर में रामसेवक ने भी अपना ठिकाना बना रखा है।