Singrauli Kachan River : काचन को कंचन बनाने व आसपास के गांवों में पानी का जलस्तर बढ़ाने के लिए शुरू हुआ अभियान अब मूर्तरूप लेने लगा है। 20 दिन पहले काचन पुनर्जीवन कार्य शुरू हुआ था। भारी भरकम गेबियन स्ट्रक्चर बनकर तैयार हो गया। अब उसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। जगह-जगह नदी की तलहटी में से गाद निकालकर नदी के किनारे पर डाली जा रही है। किनारों पर घाट भी बनाये जा रहा है। हरियाली उत्सव के दौरान घाटों पर पौधरोपण किया जायेगा ताकि नदी की तेज बहाव से मिट्टी का कटाव न होने पाये। यह इसलिए संभव हो पाया, क्योंकि सभी जिम्मेदार अधिकारी व इंजीनियर लगातार कार्य की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। उपयंत्री संजय वर्मा की मानें तो काचन नदी के बहाव को पहले बड़े गैबियन स्ट्रक्चर से रोका जायेगा।
इसके बाद चेक डैम बनाया जायेगा। नदी के कटाव वाले स्थानों पर बोल्डर चेक डैम बनाया जायेगा। यह सारे निर्माण कार्य नदी के बहाव क्षेत्र वाली सभी ग्राम पंचायतों में किया जा रहा है। जिसमें देवरी, गड़हरा, पोड़ी-नौगई, डिग्घी, गड़ेरिया, तेलदह, बिहरा, फुलवारी टोला शामिल है। जिससे नदी का पानी जगह जगह जलाशय में बदलता जायेगा। गंदगी प्रत्येक जलाशय में रूकती जायेगी। स्वच्छ पानी आगे की ओर बढ़ता जायेगा। इस प्रकार तैयार जलाशयों से भू-गर्भीय जलस्तर में वृद्धि होगी और पेड़ों के कारण हरियाली भी बढ़ेगी।
नदी के किनारों पर बनाये जा रहे घाट
नदी की उबड़-खाबड़ तलहटी को मनरेगा मजदूर काट रहे हैं। उससे निकली गाद को नदी के किनारे पर डाला जा रहा है। फिर उसकी लेबलिंग कर पौधरोपण के योग्य बनाया जा रहा है। नदी के बहाव क्षेत्र में कई छोटे-छोटे झरने या प्राकृतिक जलस्रोत मिल रहे हैं। जिनकी सफाई की जा रही है। जिसके कारण उससे निकलने वाला पानी काचन की धारा को बढ़ायेगा। घाटों का इस्तेमाल ग्रामीण रास्ते के रूप में भी कर सकेंगे। जिसके कारण अवैध कार्यों पर भी अंकुश लगेगा।
8 किमी क्षेत्र में बनेंगे 6 बड़े स्ट्रक्चर
जिला पंचायत सीईओ की मॉनीटरिंग में चल रहे काचन पुनर्जीवन कार्य के लिए 8 किलोमीटर के क्षेत्र में 6 बड़े स्ट्रक्चर बनाये जायेंगे। जिसके माध्यम से लगभग ढाई लाख घनमीटर पानी का संरक्षण हो सकेगा। इससे पूरे क्षेत्र के जल स्रोतों को नया जीवन भी मिलेगा। जिससे इस क्षेत्र में जल संकट समाप्त हो जायेगा.
5 एकड़ में लबालब भरा मिलेगा पानी
गड़हरा में निर्मित 130 मीटर लंबे गेबियन स्ट्रक्चर बनाने के लिए पहले नदी के तलहटी को डेढ़ मीटर खोदाई की गई है। कंक्रीट की 6 मीटर चौड़ी स्लैब ढालने के बाद जमीन के ऊपर 1 मीटर 20 सेंटीमीटर ऊंचा बांध खड़ा किया गया है। उसे बनाने के लिए लोहे के जाल में बोल्डर को के सामजादा गाल के मसाले बाद उस स्ट्रक्चर को लोहे के जाल में बांध दिया गया है। यह स्ट्रक्चर नदी के तेज बहाव को झेलने में सक्षम होगा। वहीं इसके बनने के बाद 5 एकड़ क्षेत्र में जलभराव होगा.
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