NCL Singrauli News : आज मंगलवार को सिंगरौली पुर्नस्थापना मंच की एनसीएल प्रबंधन के साथ हुई बैठक में प्रबंधन का रूख स्पष्ट नही होने से लोगो में मायुसी दिखाई दे रही है। भूमि व भवन के मूल्यांकन हेतु गणना पत्रक मे एनसीएल प्रबंधन इसी जिले मे रेलवे व राष्ट्रीय राजमार्ग की भूमि अधिग्रहण मे जो नियम लार एक्ट के तहत रेलवे व स्थानीय शासन प्रशासन लागू करते हैं, एनसीएल प्रबंधन वह ना मानते हुए अपने पुराने नियमों को लागू किये जाने की मंशा रखता हैं व अपना स्पष्ट रुख नहीं रख रहा हैं। आर एन्ड आर एक्ट के तहत शहर का पुर्नस्थापन स्थल कँहा होगा उसकी स्थिति भी अभी अस्पष्ट हैं। विस्थापित व विस्थापन प्रभावित कीन्हे माना जायेगा, इसके बारे मे भी प्रबंधन के लोगो के मध्य स्पष्ट जानकारी का अभाव हैं, जिससे की बड़ी संख्या मे यंहा पर अनेको संस्थाओ मे कार्यरत लोग, जो की किराये के मकान मे रहते हैं, उनके बारे मे एनसीएल क्या करेगा, इसकी स्थिति भी अस्पष्ट हैं। पुर्नस्थापन स्थल पर प्लाट ना लेने की स्थिति मे, प्लाट के बदले आज पुनः 1,37,000 रु देने की बात कहना मंच के सदस्यों को स्वीकार नहीं हैं। सिंगरौली के उद्यमियों को उनके उद्योग को पुनः स्थापित करने मे क्या सहयोग मिलेगा, भूमि कँहा मिल सकेगी, अभी इसकी कोई रुपरेखा एनसीएल ने तैयार नहीं की हैं।
ज़मीन के मूल्यांकन हेतु वार्ड 10 जो की अब अस्तित्व मे ही नहीं हैं उसका 10 साल पुराना रेट सभी वार्डाे के मूल्यांकन हेतु देना चाहती हैं, जबकि पुर्नस्थापन मंच सिंगरौली नगर निगम के वर्तमान वर्ष 2024 के अधिकतम मूल्य की तीन रजिस्ट्री का औसत के आधार पर भूमि का मूल्यांकन चाहती हैं। एनसीएल अपना रुख स्पष्ट करने के पूर्व हमारे भूमि व भवन का सर्वे व नापी का कार्य प्रारम्भ करना चाहता हैं, उक्त सर्वे रिपोर्ट पर भूमि मालिक ज़ब यह लिखेगा कि मै उक्त नापी से संतुष्ट हूँ उसके बाद हमारे पाले से स्थिति निकल जाएगी व एनसीएल प्रबंधन औने पौने दाम पर मूल्यांकन कर राशि हमारे खाते मे डालेगा अथवा ट्रिब्यूनल मे डाल देगा, और वर्षाे हम अपने मकान का मुआवजा पाने के लिए परेशान होंगे। उक्त स्थिति आज भी वार्ड क्र. 10 के अनेको रहवासियों की आज भी हैं जो की खदान मे ही दिन रात पड़े रहते हैं और उनकी कोई खोज खबर लेने वाला नहीं हैं। अतः उक्त स्थिति हम सभी की ना हो, इसलिए जब तक एनसीएल प्रबंधन उपरोक्त समस्त बिन्दुओ पर अपना रुख स्पष्ट नहीं करता तब तक’सिंगरौली पुर्नस्थापन मंच नापी की प्रक्रिया का कड़ा विरोध करेगा।
उक्त अवसर पर एनसीएल प्रबंधन की ओर से सीएमडी बी. साईराम, निदेशक कार्मिक मनीष कुमार के राजस्व विभाग के अधिकारी एवं पुनर्नस्थापन मंच के अध्यक्ष सतीश उप्पल, संजय प्रताप सिंह, भूपेंद्र गर्ग, राजेश सिंह, गोपाल जी श्रीवास्तव, चन्दन सिंह, राजेश अग्रहरि, राकेश मिश्रा, अजीत झा, विनोद रघुवंशी, आशीष टंडन, निखिल सिन्हा, संजीव सिंह, ओ.पी.एन सिन्हा, सुमंत सिंह, कुंदन सिंह सहित अन्य वरिष्ठ सदस्य उपस्थित रहे।
एनसीएल प्रबंधन एवं एसपीएम में हुई हाक टाक
जानकारी अनुसार एनसीएल प्रबंधन एवं एसपीएम के साथ चर्चा के दौरान मोरवा के ब्लूप्रिंट से पूर्व नापी करने की बात एसपीएम ने कहा कि जब रूख स्पष्ट नही होगा तब तक नापी नही होने दिया जायेगा। एनसीएल द्वारा मकानो के भौतिक सत्यापन जल्द करने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
एसवीएम ने बसाहट सहित कई मुद्दे पर की चर्चा
सिंगरौली विस्थापन मंच एनसीएल प्रबंधन के साथ एनसीएल सीएमडी एवं राजस्व विभाग के सभी उच्च स्तरीय कमेटी के साथ बसाहट स्थल मे मिलने वाले प्लाट अथवा प्लाट के बदले मिलने वाली राशि के संबंध मे गहन चर्चा हुई। जिसमे एसवीएम ने आम-जनमानस का पक्ष रखते हुये इस बात पर जोर देते हुये कहा कि प्लाट के बदले कम से कम 25 लाख रुपए का विकल्प रखा जाये, जिससे आम शहरी अपनी राय कायम कर सके और दोनो मे से किसी एक का चयन कर सके। जिसके संबंध मे मैनेजमेंट ने द्वारा कुछ समय चाहा गया। दूसरा और अहम मुददा सभी अलग अलग विस्थापित हो रहे वार्डों की भूमि के रेट को लेकर था जो कि कलेक्टर गाइडलाइंस के अनुसार लगभग विभिन्न वार्डों मे दो से ढाई गुने तक का अंतर है। एसवीएम विस्थापन मंच शुरू से लगातार ये प्रयास करता रहा है कि रेट की विसंगति को दूर करते हुये सभी को अधिक से अधिक मूल्य मिले। सभी वार्डों के रेट मे एकरूपता और समानता होनी चाहिए। जिस पर मैनेजमेंट ने मौखिक स्वीकृती देते हुये स्पष्ट कर दिया कि सिगंरौली समीपस्थ वार्ड क्रमांक 10 के बचे हुये शेष भाग का रेट सभी वार्डों से ज्यादा लगभग 8,800 रुपए है जो कि सभी को दिया जायेगा। इससे किसी किसी वार्ड के लोगों को तो दोगुना से ढाई गुना तक के फायदे के साथ उस पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त सोलेशियम की राशि भी मिलेगी। जिससे मिलने वाला लाभ लगभग चार गुना तक हो जायेगा। इस मौके पर एनसीएल प्रबंधन की ओर से सीएमडी बी. साईराम, निदेशक कार्मिक मनीष कुमार के राजस्व विभाग के अधिकारी एवं विस्थापन मंच की ओर से एसवीएम के अध्यक्ष दधिलाल सिंह, वीरेन्द्र गोयल, ललित श्रीवास्तव, प्रदीप गुप्ता, मास्टर के.के जायसवाल, अभय तिवारी सहित मंच के अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
दोनो मंचो के साथ अलग अलग हुई बैठक
एनसीएल के जयंत एवं दुधीचुआ खदान विस्तार के लिए 9 फरवरी को धारा 9 लगने के बाद मोरवा के लोगो में बसाहट एवं मुआवजा को लेकर असमंजस की स्थित बनी हुई है। एनसीएल प्रबंधन से वार्ता एवं विस्थापितो के बसाहट एवं उचित मुआवजा के लिए मोरवा में दो गुट अलग अलग सक्रिय है। एक गुट सिंगरौली पुर्नस्थापना मंच का नेतृत्व सतीश उप्पल कर रहे है, जबकि दुसरे गुट सिंगरौली विकास मंच का नेतृत्व दधिलाल सिंह कर रहे है। दोनो गुटो में कुछ खास लोगो को छोड़कर दिया जाय तो बाकी सब एक ही है। दोनो ही विस्थापितो को लेकर एनसीएल प्रबंधन से चर्चा कर बसाहट एवं उचित मुआवजा दिलाने का प्रयास कर रहे है। दोनो गुटो के नेतृत्व करने वाली टीमो मे अपनी अपनी सोच के मुताबिक इगो की झलग दिखाई दे रहा है। मंगलवार को एनसीएल प्रबंधन पहले सिंगरौली विकास मंच के साथ बैठक की उसके बाद सिंगरौली पुर्नस्थापना मंच के साथ बैठक कर विस्थापन प्रक्रिया को लेकर चर्चा की।