Singrauli News: देश का सबसे बड़ा विस्थापन सिंगरौली जिले के मोरवा में होने जा रहा है। विस्थापन की विषंगतियों को लेकर बुधवार को विस्थापितों ने सिंगरौली पुनर्स्थापना मंच के बैनर तले एनसीएल मुख्यालय गेट पर सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया। एनसीएल के मोरवा स्थित मुख्यालय गेट पर आज सिंगरौली पुनर्स्थापना मंच एवं स्थानीय विस्थापितों ने सुबह से ही अपनी 24 सूत्रीय मांगों को लेकर सांकेतिक धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे विस्थापितों का कहना है कि 24 सूत्रीय मांग पत्र पर चर्चा उपरांत निर्णय होने तक भूमि एवं परिसंपत्तियों की नापी तत्काल प्रभाव से रोककर पत्र के माध्यम से सूचित किया जाये। चर्चा के बाद नापी की प्रक्रिया प्रस्तावित अधिग्रहण क्षेत्र की उत्तरी सीमा से प्रारंभ किया जाये तथा पुनर्वास के लिए नगर निगम क्षेत्र का चयन किया जाये। परिसंपत्तियों के मूल्यांकन के लिए नियमानुसार नगर निगम के सबसे अधिक रेट वाले वार्ड को मानक बनाकर मूल्य निर्धारित किया जाये.
इन माँगो को लेकर अड़े हैं विस्थापित
विस्थापितों की यह भी मांग है कि धारा 4 लगने की तिथि से 12 प्रतिशत वार्षिक मूल्यवृद्धि जोड़ा जाये। धारा 9 लगने के दिनांक से भुगतान होने तक 12 प्रतिशत ब्याज दिया जाये। प्रभावित विस्थापितों की परिभाषा तय की जाये तथा मिलने वाला लाभ स्पष्ट किया जाये। यदि कोई पुनर्वास स्थल में प्लाट न लेना चाहे तो उस विस्थापित को एकमुश्त 25 लाख रूपेय दिये जायें। विस्थापित परिवार के प्रत्येक सदस्य को 25 लाख रूपये देने की सहमति प्रदान की जाये। साथ ही यह भी मांग की गयी है कि सीआईएल की लागू वार्षिकी योजना के तहत एनसीडब्ल्यूए को मानक मानते हुये 21 हजार रूपये प्रति माह आजीवन एन्युटी राशि देने की सहमति पत्र के माध्यम से सूचित किया जाये.
विस्थापन उपरांत सभी व्यापारियों के नुकसान का आंकलन कर उसकी भरपाई के लिए युक्ति युक्त व्यय देने की सहमति प्रदान की जाये। विस्थापितों की यह भी मांग है कि अर्जित की जाने वाली भूमि एक साथ अर्जित की जाये तथा उससे मिलने वाला लाभ एकमुश्त प्रदान किया जाये। कहा गया कि अगर जल्द से जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो आगामी दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी एनसीएल प्रबंधन एवं प्रशासन की होगी।
इस दौरान सिंगरौली पुनर्स्थापना मंच के अध्यक्ष सतीश उप्पल सहित तमाम पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में विस्थापित उपस्थित रहे।