Mohan Government Big Decision : मप्र की ऐसी पंचायतें, जहां की आबादी 5 हजार से अधिक हैं, वहां अब दो सामुदायिक भवन बनाए जाएंगे। इसके लिए पंचायत प्रतिनिधि गांव में ही एक सही जगह का चयन कर लें। मप्र में शहरी क्षेत्रों से सटी करीब 1200 पंचायतों को लेकर विशेष योजना बनाई जाएगी। यह बात आत्मनिर्भर पंचायत-समृद्ध मप्र थीम पर आयोजित कार्यक्रम में पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने कही। उन्होंने कहा कि जिला पंचायतों के पदाधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि वे जनपद पंचायतों की बैठकों में परामर्शदाता की भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन निर्णय लेने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करें।
उन्होंने कार्यक्रम में आए हुए जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य और अधिकारियों मंत्री ने कहा कि पंचायतों की सामान्य सभा की बैठकें कैबिनेट की बैठक के समान होती हैं। इसको पूरी गंभीरता से लें। जहां बैठकें नहीं हुई है वहां पर निश्चित अंतराल में इन बैठकों का आयोजन करें। पंचायतों में होने वाले काम के उपयोगिता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने में देरी नहीं करें। यह कार्यक्रम पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और जर्मन संस्था जीआईजेड ने मिलकर आयोजित किया था। शहरी क्षेत्र से सटी पंचायतों के को लेकर भी चर्चा हुई।
कहा कि हर पंचायत प्रतिनिधि को कम से कम अपनी पसंद के एक गांव को आदर्श बनाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। हमारे पास जो संसाधन उपलब्ध हैं और जितनी योजनाएं संचालित हैं, उन्हें मिलाकर आदर्श गांव बनाने का काम करना चाहिए और शुरूआत अपने गांव से करें।
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