MP News : सड़क पर रहने वाले निराश्रित गोवंशों को दुर्घटना से बचाने की शुरू हुई कवायद को लेकर जिला पंचायत सिंगरौली के सभागार में शनिवार को बैठक हुई। जिला पंचायत सीईओ की अध्यक्षता में हुई बैठक में सड़क पर स्थित ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव व ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी व इंजीनियर उपस्थित रहे। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ ने सभी के समक्ष शासन की मंशा जाहिर की।
कहा कि निराश्रित गोवंश के लिए गौशालाओं का निर्माण कराया गया है। जिसमें काफी मात्रा में गायें रह भी रही हैं। इसके बावजूद मुख्य मागों पर काफी संख्या में निराश्रित गायें खड़ी अथवा बैठी रहती हैं। जिसके कारण अक्सर वह दुर्घटना का शिकार हो रही हैं। चूंकि गाय हमारी आस्था से जुड़ी हैं इसलिए उनकी रक्षा करना हम सभी का पुनीत कर्तव्य है। गायें सड़क पर न आने पायें, हमें इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी।
चलाया जाये व्यापक जागरूकता
कार्यक्रम जिपं सीईओ ने कहाकि निराश्रित गायों की चुनौती से निपटने के लिए व्यापक जन जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता है। लोगों को गायों के कृषि से जोड़ने, दूध, गोबर व गोमूत्र के महत्व के बारे में विज्ञान से जोड़कर समझाया जाये। गांव में जब भी कोई कार्यक्रम हो, उसमें गोवंश को बचाने की शपथ दिलाई जाये। जागरूकता अभियान में सामाजिक संगठन, स्कूली विद्यार्थियों को जोड़ा जाये ताकि उनके घर वाले उनकी बातों से प्रेरित होकर पशुओं को अपने घर पर बांधकर रख सकें।
चरनोई की भूमि की जाये चिन्हित
उन्होंने कहाकि गायों को चरने व उन्हें घेरे में रखने के लिए बाड़ा बनाना होगा। जहां पर उनके चरने और पीने के लिए पानी की व्यवस्था भी होनी चाहिये। ग्राम पंचायतें पटवारी का सहयोग लेकर ऐसी शासकीय भूमि चिन्हित करें। फिर वहां पर एक बाड़ा बनाया जाये, जहां पर रात में गायों को घेर का रखा जा सके। निराश्रित गायों को चराने के लिए चरवाहे रखे जायें। बाड़ा व चरवाहा का खर्च 15वें वित्त की राशि अथवा मनरेगा योजना से किया जाये.
बैठक में यह ग्राम पंचायतें हुई शामिल
गोवंश सुरक्षा बैठक में शामिल सड़क किनारे स्थित ग्राम पंचायतों में हर्दी, परसौना, ढेंकी, खुटार, रजमिलान, रैला, बनौली, भुड़कुड़, जरौंधी, माड़ा, कोयलखूंथ, जोगियानी, देवरी, गड़हरा, गड़ेरिया, पौड़ी नौगई, डिग्धी आदि पंचायतें शामिल थीं।
कलेक्टर ने जारी किया 13 बिंदु का आदेश
निराश्रित गोवंशों को सुरक्षित रखने के लिए कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला ने 13 बिंदु का आदेश जारी किया है। जिसमें प्रत्येक ग्राम पंचायत में चरनोई की भूमि चिन्हित करने, गोवंशों की संख्या के आधार पर अस्थायी अथवा स्थाई बाड़ा तैयार करने, ज्यादा संख्या होने पर मनरेगा योजना से शेड निर्माण करने, पानी व उनके आहार की व्यवस्था करने, चरवाहा रखने, गर्भवती व दुधारू गायों के लिए समुचित व्यवस्था करने, निराश्रित गायों के लिए गांव की जवाबदारी तय करने, गौशालाओं का संचालन समुचित ढंग से करना शामिल है।