Jabalpur News : स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम अपनी रैकिंग सुधारने में जुटा हुआ है, लेकिन इन सबके बीच नगर निगम की चुनौतियाँ भी कम नहीं हैं। दरअसल स्वच्छता सर्वेक्षण में पहली बार स्कूलों की सफाई के लिए भी नंबर निर्धारित कर दिए गए हैं। पिछले साल तक स्कूलों में सिर्फ शौचालयों की सफाई को ही परखा जाता था, लेकिन इस बार दिल्ली से आने वाली टीम शौचालयों की साफ-सफाई, हर क्लास में सूखे और गीले कचरे के लिए डस्टबिन, छात्राओं के लिए सैनेटरी नेपकिन और उपयोग किए गए सैनेटरी नेपकिन को डिस्पोज करने की भी व्यवस्था देखेगी। इसके लिए स्वच्छता पैरामीटर में 150 नंबर तय किए गए हैं। सबसे खास बात यह है कि स्कूलों में जो सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं, छात्र-छात्राएँ उनका उपयोग कर रहे हैं कि नहीं, यह भी गौरतलब होगा।
स्वच्छ सर्वेक्षण में इन श्रेणियों में रहेगी चुनौती
नए निर्माण के दौरान निकलने वाले कचरे का निस्तारण हो रहा है या नहीं। विवाह स्थल, शिक्षण संस्थान, कार्यालय, होटल और रेस्टोरेंट कचरे से खाद बनाने की मशीन लगा चुके या नहीं, इसके 100 अंक तय हैं। इस बार 600 अंकों का सिटीजन फीडबैक होगा, इसमें स्वच्छता चैंपियन और लोकल ब्रांड एंबेसडर शहरवासियों को सर्वेक्षण के बारे में जानकारी देंगे। शहर में ड्रेनेज सिस्टम अभी तैयार नहीं हुआ है और सीवरेज का कार्य चल रहा है। बारिश में जल निकासी व्यवस्था चुनौती बनी है। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन व्यवस्था भी हर वार्ड में खराब है। इन सभी के लिए 300 अंक निश्चित हैं। इन नंबरों को पाने के लिए भी नगर निगम को काफी मेहनत करनी होगी।
न हों लटकते हुए बैनर – पोस्टर
शहर में लगने वाले बैनर पोस्टरों को लेकर अभी तक स्वच्छता सर्वेक्षण में कोई अंक नहीं थे, लेकिन इस बार इन्हें सर्वेक्षण में शामिल कर लिया गया है। इनके लिए अलग से कैटेगरी बनाकर 300 अंक निर्धारित किए गए हैं। अब सर्वेक्षण के दौरान दीवारों पर पोस्टर नहीं होने चाहिए, न लटकते बैनर नजर आने चाहिए। दीवारों पर चित्रकारी कर उन्हें सुंदर बनाना होगा।
ट्रिपल आर पर आधारित होगा सर्वे
स्वच्छता सर्वेक्षण इस बार ट्रिपल आर पर निर्धारित होगा। ट्रिपल आर यानी (रिफ्यूज, रिड्यूस, और रीसाइकिल) पर आधारित है और इस बार 9500 अंक निर्धारित हैं। इसके अलावा सरकारी कार्यालयों की दीवारों पर रेड स्पॉट का निरीक्षण भी किया जाएगा। यदि सरकारी कार्यालयों की दीवारों पर रेड स्पॉट दिखा तो निर्धारित 60 अंक काट लिए जाएँगे।
पार्कों के साथ पर्यटन स्थलों की सफाई जरूरी
पाकों की साफ-सफाई अनिवार्य कर दी गई है। इसके अलावा पर्यटन स्थलों को भी इसमें शामिल किया गया है। पहले इनके लिए 100 अंक होते थे, लेकिन इस बार इन्हें बढ़ाकर 140 कर दिया गया है। इसलिए शहर के भीतर जितने भी बड़े पार्क और पर्यटन स्थल हैं अब उनकी भी नियमित सफाई करनी होगी।
तीन हिस्सों में बाँटा गया सर्वेक्षण
सर्विस लेवल प्रक्रिया पर 60 प्रतिशत यानी 5705 अंक निर्धारित हैं, इसमें कचरा, संग्रहण, निस्तारण, आवासीय कॉलोनियों और बाजारों की सफाई देखी जाएगी। सर्टिफिकेशन के 26 प्रतिशत यानी 2500 अंक हैं, इसमें सामुदायिक शौचालय और अन्य सफाई की प्रक्रिया का सर्वेक्षण किया जाएगा। जनभागीदारी के 14 प्रतिशत यानी 1295 अंक हैं, इसमें शिकायतों का निस्तारण एप के जरिए करने की प्रक्रिया देखी जाएगी।