DEO Singrauli Big Action : मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में एक बड़ी कार्यवाही देखने को मिली है जहां DEO ने दो शिक्षकों की नियुक्ति को ही रद्द कर दिया है आपको बता दें कि सिंगरौली जिले में दिव्यंगता का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर पढाने वाले दो टीचरों की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया है लोक शिक्षण संचनालय भोपाल ने दोनों शिक्षकों को जांच के बाद दोषी पाया इसके बाद उन्हें हटा दिया गया है आपको बता दें कि यह दोनों शिक्षक छतरपुर से दिव्यंगता का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी कर रहे थे जब उनके दस्तावेजों की जांच की गई तो वह फर्ज पाए गए.
इन दो शिक्षकों की नियुक्ति हुई रद्द
आपको बता दें कि शिक्षक राजकुमार पटेल पिता भाग चंद्र पटेल और दीपाली त्रिपाठी पिता उमाशंकर त्रिपाठी 30 मार्च 2023 को सिंगरौली जिले के दो अलग-अलग विद्यालयों में कार्यरत थे जिन्हें जांच के बाद हटा दिया गया राजकुमार पटेल शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैढ़न वहीं दीपाली त्रिपाठी ने बिंदुल शासकीय विद्यालय में पढ़ना शुरू किया था अब इन दोनों शिक्षकों का विकलांगता प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है जब इन दोनों शिक्षकों के विकलांगता प्रमाण पत्र की जांच की गई तो उसमें विकलांगता 40% से कम पाई गई जिसके बाद इन दोनों शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई.
क्या कहता है नियम?
अगर नियम की बात करें तो दिव्यांगता कोटा पर नौकरी पाने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 40% दिव्यांग होना अनिवार्य है अगर कोई उम्मीदवार 40% से कम दिव्यांग है तो उसको दिव्यांगता कोटा की नौकरी नहीं मिलती है और जिन दो शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है इनकी दिव्यांगता 40% से कम थी जिला शिक्षा अधिकारी एसबी सिंह के अनुसार इन दोनों शिक्षकों के प्रमाण पत्र भोपाल स्तर पर जांच करवाई गई थी और इनका दिव्यांगता प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया था जिसकी वजह से इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई.
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