Singrauli News : सिंगरौली जिले में 20 दिवसीय गौशाला आधारित पुनर्योजी कृषि पर 10 गौशाला में आयोजित कार्यशाला के सफल समापन के बाद, जिले के सभी गौशाला संचालक समूहों के पदाधिकारियों को 3 दिवसीय “गौशाला संचालन एवं प्रबंधन“ विषय पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण आजीविका मिशन सिंगरौली, एग्रीचिकित्सा केंद्र, बिरकु निया एवं कृषि विज्ञान केंद्र सिंगरौली के तत्वावधान में आयोजित किया गया था।
गोबर और गौमूत्र से बनाये जायेंगे उत्पाद
प्रशिक्षण के पहले दिन गौशाला के मुख्य उत्पाद गोबर और गौमूत्र से विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाने की जानकारी दी गई। इनमें गाय की गोबर की लकड़ी, गमला, दीपक, खाद, कीटनाशक आदि शामिल हैं, जिन्हें बाजार में बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। तथा दूसरे दिन सभी समूहों की महिलाओं को बिरकुनिया श्री राम गौशाला का दौरा कराया गया और वहां हो रहे नए नए प्रयोगों को दिखाया गया। साथ ही, एग्रीचिकित्सा केंद्र, बिरकु निया में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का भी अवलोकन कराया गया।
इसी प्रकार प्रशिक्षण के तीसरे दिन कृषि विज्ञान केंद्र में समूह की सभी महिला पदाधिकारियों के लिए कार्यशाला आयोजित की गई। जहा डॉ जय सिंह और डॉ अखिलेश चौबे ने प्राकृतिक खेती एवं गौशाला संचालन आदि विषयों पर जानकारी दी। कार्यक्रम के समापन पर सभी महिलाओं को कुछ सब्जियों के बीज वितरित किए गए और किसान ड्रोन का डेमो भी दिया गया। यह 3 दिवसीय प्रशिक्षण गौशाला संचालक समूहों के पदाधिकारियों और महिलाओं के लिए गौशाला के बेहतर संचालन एवं प्रबंधन, गौ-उत्पादों से मूल्यवर्धित उत्पाद बनाने और उनकी बिक्री, तथा प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए महत्वपूर्ण रहा।
36 महिलाओं ने प्रशिक्षण में लिया भाग
प्रशिक्षण में 36 महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। एग्रीचिकित्सा केंद्र से हेमंत सिंह और आशेष चौधरी ने प्रशिक्षक के रूप में अपना कार्य किया, जबकि आजीविका मिशन सिंगरौली से मिथिलेश और छबिलाल उपस्थित रहे। कार्यक्रम का आयोजन आजीविका मिशन सिंगरौली के डीपीएम जिला परियोजना प्रबंधक)मंगलेश सिंह के मार्गदर्शन और सहयोग से संपन्न हुआ।
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