Singrauli News : वैढ़न, सिंगरौली। सिंगरौली जिले में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या अति गंभीर है उसको सभी लोग जानते हैं। एनसीएल की कोयला की खदानों तथा एनटीपीसी एवं अन्य पावर प्लांटों की चिमनियों से उड़ती उड़न राख सिंगरौली जिले के वासियों को मौत के कगार पर पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं।
एनटीपीसी के ऐश डाईक इन दिनों राख उबल रहे हैं। जिसमें बलियरी स्थित एनटीपीसी का राख बांध काफी सुर्खियों में है। जबभी लू शुरू हो जाती है राख भरे ऐश डाईक से भारी मात्रा में राख उड़कर वायुमंडल को तो दूषित कर ही रही है। साथ ही वैढ़न तथा आस-पास के रहवासियों को खासा संकट में डालने का काम कर रही है। चन्द दिनों पहले वैढ़न क्षेत्र में आंधी आयी थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताय कि बलियरी स्थित ऐश डाईक की राख हवा के साथ उड़कर पूरे वैढ़न क्षेत्र के वायुमंडल पर छा गयी।
यह सिलसिला तकरीबन डेढ़ से दो घंटे तक चला जब हवा के साथ उड़ रही राख की धुंध में बलियरी तथा आस-पास के निवासियों को कुछ भी दिखायी नहीं दे रहा था। यानि कहें की हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा था। बताते चलें कि जब बलियरी में सिंगरौली सुपर थर्मल पावर का ऐश डाईक बनना प्रस्तावित था उस समय वैढ़नवासियों ने काफी विरोध जताया था। उन्हें अपना भविष्य उसी समय दिखायी दे रहा था। लेकिन नगर निगम में बैठी चौकड़ी ने निहित स्वार्थों के चलते एनटीपीसी प्रबंधन को एनओसी थमा दिया। राख बांध बन गया। कई लोग विस्थापित हुये और पास में रेलवे लाईन के थोड़ी दूर पर अपनी बस्ती बना ली।
ऐश डाईक से चन्द किमी की दूरी पर आबाद बस्ती में रहने वाले हजारों लोगों के सामने आज ऐश डाईक से पैदा हो रहे प्रदूषण का भयंकर संकट है। बस्ती ही नहीं पूरे उद्योगद्वीप में संचालित फैक्ट्रियों, काम करने वाले लोगों के सामने जहरीली गैस से उत्पन्न जानलेवा प्रदूषण का संकट गहराया हुआ है। ज्ञातव्य होकि जब राख तेज हवा के साथ आसमान की तरफ उठती है तो नजदीक बसी बस्तियां उद्योगद्विप ही नहीं पूरे वैढ़न पर प्रदूषण का संकट जानलेवा हो जाता है। क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों को यह मालूम है कि उड़ने वाली राख में कितना पारा और कितने अन्य हानिकारक तत्व पाये जाते हैं जो कि जल, जमीन, जंगल तथा जीवों के लिए कितने हानिकारक है.
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