Singrauli News : वैढ़न, सिंगरौली। एनसीएल की निगाही परियोजना में आउटसोर्सिंग का काम कर रही कण्डोई कंपनी में भर्ती के नाम पर आज जमकर मारपीट हुयी और यह मारपीट दो पक्षों के समर्थकों के बीच हुयी। एक पक्ष स्थानीय लोगों का था जो प्रबंधन के साथ गठजोड़ बनाकर अपने आदमियों की भर्ती चाहता था। दूसरा पक्ष मोरवा (सिंगरौली) से आया हुआ था। वह भी नौकरी पाने और दिलवाने के लिए आमादा था। बताते हैं कि आज मोरवा से आये पक्ष के सूत्रधार द्वारा आन्दोलन की घोषणा की गयी थी। प्रबंधन के बचाव पक्ष ने तथा अपना निहित स्वार्थ सिद्ध करने के लिए स्थानीय पक्ष भी सक्रिय था। बाद विवाद में स्थिति यह बनी की दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुयी और नवानगर पुलिस, एनसीएल प्रबंधन एवं कण्डोई प्रबंधन मूक दर्शक बना रहा। क्योंकि आजकल पुलिस विभाग पर राजनीति का इतना असर है कि वह कई बार घटनास्थल पर मौजूद होते हुये भी अपनी आंखे मूंद लेता है।
सूत्र बताते हैं कि पूर्ववर्ती कलेक्टर सिंगरौली द्वारा निगाही प्रबंधन को यह आदेश दिया गया था कि वे विस्थापितों तथा स्थानीय लोगों को ही नौकरी प्रदान करें। इसके अतिरिक्त कोई भी दबाव में भर्ती करने की कोशिश न करे। निगाही परियोजना का प्रबंधन इस आदेश का पालन कर रहा है। फिर भी कतिपय ऐसे लोग जो कि एनसीएल की आउटसोर्सिंग में नौकरी लगवाने का धंधा पाल रखे हैं जिससे उन्हें रातों रात लाखों रूपये की कमाई हो जा रही है ऐसे लोगों द्वारा एनसीएल तथा कंपनी प्रबंधन पर बेजा दबाव डालकर पैसा लेकर अपने लोगों को घुसेड़ने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। आज की जो घटना हुयी वह इस को दर्शाती है कि जंगल में शिकार कर लेने के बाद शेरों के दो पक्षों द्वारा दावत खाने के बीच खूनी संघर्ष हो गया। कंपनियों के प्रबंधनों की मनमानी, नेताओं की दादागिरी तथा सत्तारूढ़ पार्टी के चिरकुट नेताओं का अनेक्षिक हस्तक्षेप विस्थापितों तथा स्थानीय युवाओं को लूट खसोट रहा है, उनका शोषण कर रहा है,
एनसीएल के सुरक्षा प्रबंधन पर सवाल
कण्डई कंपनी के प्रबंधन के खिलाफ घोषित आन्दोलन तथा आन्दोलन के दौरान हुयी मारपीट की घटना कंडोई के कैंप पर घटित होकर खदान के प्रतिबंधित क्षेत्र में घटित हुयी। आन्दोलनकारी वहां पहुंचकर कंपनी के वाहनों को रोकने का काम कर रहे थे। अब यहां प्रश्न यह उठता है कि खदान के प्रतिबंधित क्षेत्र में आन्दोलनकारी कैसे पहुंच गये? एनसीएल का सुरक्षा विभाग वहां क्या कर रहा था? अपनी जमीन पर नवानगर पुलिस थाना स्थापित करके एनसीएल प्रबंधन पुलिस से किसी तरह की सेवा लेने की अपेक्षा करता है लेकिन आन्दोलन की घोषणा होने के बावजूद पुलिस विभाग वहां क्या कर रहा था?