MP NEWS : मप्र में 51 फीसदी ओबीसी आबादी अब कुछ सुविधाओं के मामले में जनजातीय वर्ग की बराबरी करने जा रही है। इसमें दिल्ली में पढ़ाई से लेकर वो स्कॉलरशिप भी शामिल है, जो हर माह अन्य खर्च के रूप में आदिवासी छात्र-छात्राओं को मिलती है। दिल्ली में यदि कोई ओबीसी छात्र पढ़ने जाएगा तो जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों की तरह ओबीसी छात्रों को भी 1550 रुपए प्रतिमाह के बजाय 10 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। साथ ही हर माह अन्य खचों के लिए मिलने वाली स्कॉलरशिप (शिष्यवृत्ति) भी पहली बार ओबीसी छात्र-छात्राओं को दी जा सकती है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह घोषणा की थी, जिसे विभाग के स्तर पर प्रस्ताव बनाकर वित्त विभाग को भेज दिया गया है। आने वाले बजट सत्र के दौरान इसकी घोषणा हो सकती है। जनजातीय और अनुसूचित जाति वर्ग के हॉस्टलों में जो सुविधाएं हैं, वैसी ही सुविधा ओबीसी हॉस्टल में भी दिए जाने की तैयारी है।
इसमें वाई-फाई सुविधा, मैस का संचालन, लाइब्रेरी के साथ अन्य सामग्री, फर्नीचर, कंप्यूटर, लेपटॉप, प्रोजेक्टर, प्रिंटर, टीवी, माइक, बर्तन व सुविधाएं शामिल हैं। इन सभी पर लगभग 40 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च हो सकता है।
परीक्षा शुल्क से छूट का बकाया भी मिल सकता है। जनजातीय और अनुसूचित जाति की तरह ओबीसी को भी परीक्षा शुल्क से छूट दी गई थी। इसकी घोषणा 2014-15 में तत्कालीन शिवराज सरकार ने की थी। इसकी भरपाई राज्य सरकार को करनी थी, लेकिन अभी तक बजट हैड ही नहीं खुला था। करीब 80 करोड़ रुपए का बकाया व्यापमं को देना लंबित है।
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