MP Lokayukta Action : मध्य प्रदेश में रिश्वत का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा है सरकार तमाम कोशिश कर रही है की आम जनता को राहत मिले और अधिकारी कर्मचारी लोगों की समस्या सुने और उनकी समस्या का समाधान करें लेकिन भ्रष्टाचार इतने चरम पर पहुंच गया है कि अधिकारी और कर्मचारी बिना पैसे के काम करना ही नहीं चाहते और कुछ भ्रष्टाचार अधिकारियों और कर्मचारियों की वजह से अच्छे लोग भी बदनाम होते हैं ऐसा ही एक ताजा मामला मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के रहती तहसील से सामने आया है जहां पटवारी सचिन यादव 15000 की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए हैं.
क्या है पूरा मामला?
आपकी जानकारी के लिए बता दे की रहती तहसील के बोरदी गांव के एक किसान ने लोकायुक्त में शिकायत की थी उनकी एक एकड़ 20 डिसमिल जमीन है जिनकी रजिस्ट्री और नामांतरण हो चुका है लेकिन जमीन का बटान, सीमांकन और खसरा अपडेट होना बाकी है इसके लिए उन्होंने पटवारी से बार-बार बोला और पटवारी साहब उनसे ₹25000 की रिश्वत मांग रहे थे जब शिकायत लोकायुक्त के पास पहुंची तो लोकायुक्त पुलिस ने पूरा जाल बिछाया और आज बुधवार को 15000 की पहली किस्त लेते हुए लोकायुक्त ने रंगे हाथ दबोच लिया प्लान के अनुसार नोटों पर केमिकल लगा हुआ था जब हाथ धुलाया गया तो हाथ लाल हो गए पटवारी हाथ छुड़ाकर भागने के भी फिराक में था लेकिन कर्मचारियों ने पटवारी को धर दबोचा और अब भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है.
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