MP Crime Free Village: छिंदवाड़ा जिले के चार थाना क्षेत्रों में 41 गांव ऐसे हैं जहां पिछले तीन साल में एक भी अपराध सामने नहीं आया। बड़े अपराध तो दूर इन गांवों से किसी तरह की शिकवा-शिकायत भी सामने नहीं आई है। छिंदवाड़ा जिले के बटकाखापा, तामिया, माहुलझिर और नवेगांव थाना क्षेत्र के ये सभी गांव आदिवासी बाहुल्य हैं। यहां किसी तरह का अपराध सामने नहीं आने की मुख्य वजह आदिवासी ग्रामीणों के बीच आपसी सामंजस्य के तौर पर सामने आ रहा है। पुलिस के मुताबिक छोटी मोटी बातों को गांव के बड़े-बुजुर्ग ही निपटा लेते हैं। दूसरा यह कि ग्रामीण स्व अनुशासन को भी अपना रहे हैं।
बटकाखापा क्षेत्र
बटकाखापा थाना क्षेत्र के 18 ट्राइबल विलेज जहां पिछले 3 साल से एक भी शिकायत थाने तक नहीं पहुंची। इन गांवों में खिरकीघाट, टीपाखेड़ा, ईमाझिरी, बालूसार, कोहपानी, काराडुंड, कौडिया, चंपाखेड़ा, तिनसई, घेरीबकोड़ी, निकाही, पांडो, बेलखेड़ी, भोंड, माण्डोपानी,रंगपुर, मोरनाचना और सावलाखेड़ा शामिल हैं।
तामिया क्षेत्र
वरूण, गुरीझतरी, काराघाट, चिमटीपुर, जड़मादल, सूखाभांड, रातेड़, कारेआम, बेलखेड़ी, हारमऊ, डुण्डीशिखर, बम्होरी, हर्ष दिवारी, चोपनाखुर्द, छातीआम, घानाकोडिया।
माहुलझिर क्षेत्र
देवगांव खुर्द, झामर, सामरडोह, गोलनघाटी ओर नीमाकोटा गांव ऐसे हैं जहां तीन साल से न तो अपराध हुए और न ही कोई शिकायत पुलिस तक पहुंची।
नवेगांव क्षेत्र
जुन्नारदेव के नवेगांव थाना क्षेत्र के जामई रैय्यत ओर कामठारैय्यत में भी तीन साल से अपराध सामने नहीं आया, गांव में सभी मिल जुलकर रहते हैं। छोटी-मोटी बातों को गांव में ही बड़े बजुर्ग समझाकर सुलझा लेते हैं। इसलिए पुलिस तक जाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
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