MP News : मध्यप्रदेश शासन द्वारा धर्मिक स्थलों एवं अन्य स्थानों में ध्वनि विस्तारक यंत्रो (लाउडस्पीकर / डी.जे./ सम्बोधन प्रणाली) के अनियंत्रित व नियम विरूद्ध प्रयोग पर नियंत्रण/कार्यवाही के संबंध में दिशा निर्देश जारी किये गये, जिसके परिपालन में पुलिस अधीक्षक सिंगरौली श्रीमती निवेदिता गुप्ता के द्वारा विशेष अभियान चलवाया जाकर धर्मिक स्थलों एवं अन्य स्थानों में ध्वनि विस्तारक यंत्रो के अनियंत्रित व नियम विरूद्ध प्रयोग पर नियंत्रण के लिये कार्यवाही की जा रही है एवं ऐसे सभी स्थानो से लाउडस्पीकर हटवाये जाने की कार्यवाही की गई है।
पूरे मध्य प्रदेश में चलाया जा रहा विशेष अभियान
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश शान द्वारा पूरे मध्य प्रदेश से ध्वनि विस्तारक यंत्रों को उतरवाया जा रहा है जिसको लेकर अब कांग्रेस के भोपाल से विधायक आरिफ मसूद ने सवाल खड़े कर दिए हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नाम एक पत्र लिखकर कहा है कि माननीय, उपरोक्त विषय में निवेदन है कि आपके द्वारा दिनांक 24/05/2024 को कानून व्यवस्था की बैठक कर लाउडस्पीकर डी.जे. पर नियंत्रण अभियान पुनः चलाए जाने संबंधी – मौखिक निर्देश दिए गए हैं।
यह कि आपके द्वारा दिये गए निर्देशों के परिपालन में पुलिस द्वारा ग्रामीण अंचलों में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकरों को बलपूर्वक हटाने का कार्य कर रही है जबकि फरवरी 2024 विधानसभा सत्र में दिनांक 09 फरवरी 2024 को मेरे द्वारा ध्वनि विस्तारक यंत्रों का नियम विरूद्ध प्रयोग विषयक प्रश्न क्र. 196 लगाया गया था जिसके उत्तर में आपके द्वारा सदन को बताया गया था कि प्रशासन द्वारा समस्त संबंधित धर्मगुरूओं से संवाद व समन्वय के आधार पर लाउस्पीकरों को हटवाए जाने पर प्रेरित किया गया है तथा स्वप्रेरणा से भी लाउडस्पीकरों को उतारा गया है निर्धारित ध्वनि सीमा (डेसिबल) का उल्लंघन करने वाले समस्त ध्वनि विस्तारक यंत्रों के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।
यह कि पुलिस द्वारा लगातार गृह विभाग द्वारा जारी आदेश दिनांक 13/12/2023 का हवाला देकर लाउडस्पीकर पर पूर्ण प्रतिबंध है इस तरह का भ्रम फैलाया जा रहा है।
अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा न्याय दृष्टांत रिट पिटीशन क्रमांक 72/98 In Re: Noise Pollution में पारित दिनांक 18/07/2005 में ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउड स्पीकर/डी.जे./सम्बोधन प्रणाली) को नियंत्रण करने हेतु आदेश का पालन करने हेतु सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित करें ताकि किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति उत्पन्न ना हो।