Success Story Of Subrata Roy : गरीब जीवन से लेकर सहारा ग्रुप (sahara india group) के सुब्रत रॉय (Subrata Roy) ने अपने करियर को अद्वितीय रूप से शुरू किया और धीरे-धीरे उनकी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें एक powerful businessman बना दिया। उनकी कहानी एक स्कूटर पर नमकीन बेचने से लेकर लाखों करोड़ों रुपये के बिजनेस एम्पायर तक की है।
कभी हार नहीं माने सुब्रत राय
उन्होंने किसी भी समय हार नहीं मानी और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रतिबद्ध रहे। हालांकि उनकी यात्रा में विवाद और मुश्किलें भी थीं, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और संघर्ष से उन्हें पार किया। उनकी कहानी एक प्रेरणास्त्रोत बन सकती है, जो दूसरों को भी अपने सपनों की पूर्ति की दिशा में मुट्ठी बनाने के लिए प्रेरित कर सकती है।
बिहार के अररिया जिले में जन्म हुआ था सुब्रत राय का
बिहार के अररिया जिले के मुलायम मौसम और ताजगी भरे संबंधों वाले सुब्रत रॉय की शुरुआत ग़रीबी में हुई थी, लेकिन उनकी मेहनत ने उन्हें आसमान छूने का साहस दिखाया। उन्होंने कोलकाता में अपनी पढ़ाई की शुरुआत की और फिर गोरखपुर के सुंदर वातावरण में पहुंचे। साल 1978 में एक दोस्त के साथ मिलकर उन्होंने स्कूटर पर बिस्कुट और नमकीन बेचने का कारोबार शुरू किया।
स्कूटर से 2 लाख करोड़ तक का सफ़र
एक छोटे से कमरे में बिठाकर, एक स्कूटर के साथ, उन्होंने दो लाख करोड़ रुपये तक का सफर तय किया। इस अनोखे साहसिक कदम ने उन्हें सपनों की ऊँचाईयों तक पहुंचाया, जहां उन्होंने चिट फंड कंपनी और पैरा बैंकिंग की शुरुआत की। उन्होंने गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों को अपना लक्ष्य बनाया।
कैसे हुई संघर्ष की शुरुआत
सुब्रत रॉय, बिहार के अररिया जिले के अनुकूल वातावरण से उत्तेजना भरे हुए निकले और अपनी मेहनत और समर्पण से एक बड़े उद्यमिता का चेहरा बन गए। उनकी सुप्रसिद्ध वित्तीय स्कीम ने देशवासियों को एक साथ ला दिया और उन्हें इसके साथ जोड़ने का मौका दिया। हालांकि, साल 1980 में सरकार ने इस स्कीम पर प्रतिबंध लगा दिया, लेकिन इस बीच सुब्रत रॉय ने हाउसिंग डेवलपमेंट सेक्टर में अपने कदम बढ़ाए और विभिन्न क्षेत्रों में उनका प्रभाव मजबूत हुआ। सहारा ग्रुप ने रियल एस्टेट, फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया, एंटरटेनमेंट, हेल्थ केयर, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी तक विभिन्न क्षेत्रों में फैलाव किया और उनका व्यापक प्रतिष्ठान देश और विदेश में बढ़ता रहा।
11 सालों तक सहारा ग्रुप ने टीम इंडिया का स्पॉन्सरशिप किया
11 सालों तक सहारा ग्रुप ने टीम इंडिया का स्पॉन्सरशिप किया जिससे उनका योगदान देशवासियों के दिलों में बना रहा। इस अवधि के दौरान सुब्रत रॉय की संपत्ति दोगुनी, तीनगुनी बढ़ती रही, जो उनकी मेहनत और साहस को प्रमोट करने में मदद करती रही।
सहारा ग्रुप के पास जमीन कितनी है?
सुब्रत रॉय ने अपने उद्यमी दृष्टिकोण और विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने के माध्यम से अपनी संपत्ति को विस्तारित किया और एक आलीशान जीवनशैली का आनंद लिया। उनके न्यूयार्क शहर के 4400 करोड़ के दो आलीशान होटलों से लेकर, मुंबई के एबीवैली में 313 एकड़ के डेवलपमेंट साइट और बरसोवा में 113 एकड़ की जमीन तक, सुब्रत ने अपने दीर्घकालिक निवेशों से एक प्रभावशाली विश्वविद्यालय की भूमि बनाई। उनके पास देशभर में 764 एकड़ की जमीन है, जो उनके उद्यमी दृष्टिकोण को दर्शाती है। उन्होंने अपने बच्चों की शादी में बड़ा खर्च करते हुए भी एक आलीशान और शानदार सामाजिक महोत्सव का आयोजन किया, जिसमें कई जानेमाने व्यक्तित्व भी शामिल थे।
ऐसे हुई सहारा ग्रुप के पतन की शुरुआत
टाइम्स मैगजीन (Times Magazine) ने सहारा ग्रुप को भारत में रेलवे के बाद दूसरी सबसे बड़ी रोजगार प्रदाता कंपनी माना था, जिसमें 11 लाख से अधिक कर्मचारी समृद्धि का हिस्सा बने थे। हालांकि, साल 2009 में एक घड़ी की चाल से यह आदर्श पुराना हो गया जब सहारा ने आईपीओ के लिए आवेदन दिया और सत्ताधारी नियामक समिति (सेबी) ने उनसे कंपनी के पूरे बायोडेटा को निरूपित करने का आदान-प्रदान किया। यह घटना सहारा ग्रुप के लिए एक नई यात्रा की शुरुआत का संकेत था, जिसमें विभिन्न समस्याएं उत्पन्न होने वाली थीं।
सन 2009 से सहारा का कठिन समय शुरू हुआ
सहारा के कठिन समयों की शुरुआत 2009 में हुई थी। उस साल, सहारा ने अपनी दो कंपनियों, सहारा इंडिया रियल इस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड, के लिए आईपीओ लाने का प्रस्ताव सेबी के सामने रखा। इस प्रक्रिया में सेबी ने सहारा के दस्तावेजों में गड़बड़ी की जानकारी प्राप्त की, और उन पर आरोप लगाए कि वह अपने निवेशकों के पैसे को गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। सेबी ने आरोप लगाए कि सहारा ने अपनी दोनों कंपनियों के 3 करोड़ निवेशकों से 24000 करोड़ रुपये जुटाए जबकि इनकी कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड नहीं थीं। इस मामले में सहारा पर 12000 करोड़ का जुर्माना लगा गया, जिसने उनके लिए एक नये चुनौतीपूर्ण दौर की शुरुआत की।
सुब्रत रॉय को तिहाड़ जेल की हवा खानी पड़ी
सहारा के मुद्दे में जब सेबी ने निवेशकों के डिटेल्स और दस्तावेज मांगे, तो सहारा ने उत्तर देने के लिए 127 ट्रक डॉक्यूमेंट्स भेजे। इस दस्तावेज के लिए मुंबई के बाहरी इलाकों में ट्रैफिक जाम हो गया, जिससे मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। यहां, मशहूर वकील राम जेठमलानी ने सुब्रत रॉय की पक्ष से दलीलें पेश की। वह ने सुब्रत रॉय की बचाव करने की पूरी कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए।
सुब्रत रॉय पर सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त
सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय के खिलाफ सख्ती बनाए रखी और सहारा को निवेशकों के पैसे 15 प्रतिशत ब्याज के साथ 24000 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया। इस निर्देश को पालन न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को 2014 में गिरफ्तार कर लिया, और उन्हें दो साल की जेल क़ी सजा हुई। उनका पेरोल 2016 में हुआ और उन्हें जेल से रिहा किया गया।
सुब्रत राय का 75 साल की उम्र में निधन
सहारा ग्रुप (Sahara Group) के प्रमुख और मशहूर बिजनेसमैन सुब्रत रॉय सहारा (Subrata Roy Sahara) का मंगलवार देर रात निधन हो गया है. उन्होंने 75 साल की उम्र में मुंबई में अंतिम सांस ली. सुब्रत रॉय काफी दिनों से गंभीर रूप से बीमार थे और उनका इलाज मुंबई के एक निजी अस्पताल में चल रहा था. सुब्रत रॉय का पार्थिव शरीर बुधवार (15 नवंबर) को लखनऊ के सहारा शहर लाया जायेगा. यहां उन्हें आखिरी विदाई दी जाएगी. उनके परिवार में पत्नी स्वप्ना रॉय और दो बेटे सुशांतो रॉय और सीमांतो रॉय हैं.