Sahara Refund after Death of Subrat Roy : सहारा इंडिया (Sahara India) के प्रमुख श्री सुब्रत राय (Subrat Roy) का मुंबई में निधन हो गया है अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या निवेशकों का पैसा डूब जाएगा या फिर उन्हें वापस होगा, तो आज हम इसी सवाल पर चर्चा करने वाले हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल में बने रहे.
क्या आपका फंसा हुआ पैसा वापस मिलेगा या नहीं
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Sahara Refund after Death of Subrat Roy : सहारा इंडिया (Sahara India) के प्रमुख श्री सुब्रत राय (Subrat Roy) का मुंबई में निधन हो गया है अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या निवेशकों का पैसा डूब जाएगा या फिर उन्हें वापस होगा, तो आज हम इसी सवाल पर चर्चा करने वाले हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल में बने रहे.क्या आपका फंसा हुआ पैसा वापस मिलेगा या नहींहम आगे बताएँगे कैसे मिलेगा ज़मा किया हुआ पैसानियमों के खिलाफ लोगों से पैसे निवेश करवाने का आरोप के कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा थासेबी के साथ हुए विवाद में लिखी गयी पतन की कहानीक्या हुआ जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामलाकितने साल जेल में रहे सुब्रत रॉयपोर्टल के जरिए ही वापस मिलेगा जमा पैसासहारा रिफंड पोर्टल चार समितियां उत्तरदायी हैं।आप नीचे दिए टोल फ्री नंबरों पर भी संपर्क कर सकते हैं
आपको बता दे की सहारा इंडिया के प्रमुख सुब्रत राय का निधन हो चुका है अब ऐसे में करोड़ों निवेशकों के जुबान पर एक ही सवाल है कि क्या उनका पैसा डूब जाएगा? आपको बता दूं कि सहारा ग्रुप की चार कोऑपरेटिव सोसाइटीज ने लोगों का खूब पैसा जमा करवाया था लंबे इंतजार के बाद लोगों को पैसा मिलने की एक उम्मीद जगी थी, लेकिन क्या सहारा प्रमुख के निधन के बाद यह उम्मीद खत्म हो गई है? क्या उनका पैसा मिलेगा या नहीं आपको बता दें कि पहले शेयर बाजार के रेगुलेटर ने 11 साल में शहर की दो कंपनियों के निवेशकों को 138.5 करोड रुपए वापस किए हैं इसके साथ ही स्पेशल तौर पर खोले गए बैंक अकाउंट में भी जमा की गई पैसे को बढ़ाकर 25000 करोड रुपए से अधिक है निवेशकों का पैसा सेबी के पास है और ऑनलाइन आवेदन करने वालों को मिलना तय है.
हम आगे बताएँगे कैसे मिलेगा ज़मा किया हुआ पैसा
नियमों के खिलाफ लोगों से पैसे निवेश करवाने का आरोप के कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा था
बता दें सुब्रत रॉय के पतन की शुरुआत सहारा ग्रुप की कंपनी प्राइम सिटी के IPO से हुई। नियमों के खिलाफ लोगों से पैसे निवेश करवाने का आरोप के कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। 28 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को 24,400 करोड़ रुपए निवेशकों को लौटाने को कहा था।

सेबी के साथ हुए विवाद में लिखी गयी पतन की कहानी
सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड का केस कोर्ट में है। 30 सितंबर 2009 को सहारा की कंपनी प्राइम सिटी ने आईपीओ के लिए सेबी के पास डीआरपीएच दायर किया था। सेबी को रियल एस्टेट और हाउसिंग कंपनियों की फंड जुटाने की प्रोसेस में कमी मिली। 25 दिसंबर 2009 और जनवरी 2010 को सेबी को शिकायतें मिलीं की दोनों कंपनी OFCDS से पैसे जुटा रही हैं। सेबी को पता चला की कंपनी ने इसके जरिए 2 से 2.5 करोड़ लोगों से 24,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं।

क्या हुआ जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
सेबी ने कहा कि सहारा ने बॉन्ड जारी करने के लिए उससे अनुमति क्यों नहीं ली? मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच और 2012 में कोर्ट ने सहारा को पैसा 15 फीसद ब्याज के साथ लौटाने को कहा। निवेशकों की डिटेल्स सेबी को देने को भी कहा। सहारा तीन महीने के भीतर पैसा नहीं जमा कर पाया तो कोर्ट ने तीन किस्तों में पेमेंट करने का आदेश दिया। सहारा ने 5120 करोड़ रुपए की पहली किश्त जमा की और बाकी पेमेंट कभी जमा नहीं किया।
कितने साल जेल में रहे सुब्रत रॉय
सहारा ने दावा किया कि वह पहले ही 90 फीसद से ज्यादा निवेशकों को पेमेंट कर चुका है। इसके बाद सहारा इंडिया के बैंक अकाउंट का फ्रीज करन दिया गया। अप्रैल 2013 में सेबी ने IPO की फाइल भी बंद कर दी।28 फरवरी 2014 को सुपीम कोर्ट के आदेश पर लखनऊ पुलिस ने हिरासत में ले लिया। सहारा श्री सुब्रत रॉय दो साल तक तिहाड़ जेल में रहे और साल 2016 से पेरोल पर जेल से बाहर थे।

पोर्टल के जरिए ही वापस मिलेगा जमा पैसा
सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त, 2012 में लगभग तीन करोड़ निवेशकों को ब्याज के साथ उनका पैसा लौटाने का आदेश दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने निवेशकों के पैसे वापस कराने के लिए एक अलग से पोर्टल https://mocrefund.crcs.gov.in/ बनाया। इस पर अपना वापस लेने के लिए लाखों लोगों ने आवेदन किया है।
सहारा रिफंड पोर्टल चार समितियां उत्तरदायी हैं।
1. सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, लखनऊ
2. सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, भोपाल
3. हुमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, कोलकाता
4. स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, हैदराबाद

आप नीचे दिए टोल फ्री नंबरों पर भी संपर्क कर सकते हैं
इन चारों के जरिए सहारा के निवेशकों को पैसा मिलेगा। पोर्टल पर कहा गया है, “जमाकर्ताओं से अनुरोध है कि वे सभी चार समितियों से संबंधित सभी दावों को एक ही दावा आवेदन पत्र में प्रस्तुत करें। केवल पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज किए दावों पर ही विचार किया जाएगा । दावा प्रस्तुत करने के लिए कोई शुल्क नहीं है। किसी भी तकनीकी समस्या हेतु आप दिए गए समिति के टोल फ्री नंबरों ( 1800 103 6891 / 1800 103 6893 ) पर संपर्क करें।”