Kader Khan: भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद क़ादर खान का परिवार भारत में बस गया। कादर खान ने न सिर्फ एक्टिंग में अपना हुनर दिखाया बल्कि उससे पहले वो पढ़ाई में भी पीछे नहीं थे. दरअसल कादर खान ने इंजीनियरिंग की थी और पूरी होने के बाद वह सिद्दीकी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में प्रोफेसर भी रहे।
अभिनेता कादर खान ने अपने फिल्मी करियर में 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है और इतना ही नहीं उन्होंने कई फिल्मों की कहानी और डायलॉग भी लिखे हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि वे कब्र में बैठकर डायलॉग लिखा करते थे. इससे जुड़ी एक दिलचस्प कहानी है. जिसमें उनकी असल जिंदगी से प्रेरित एक सीन भी फिल्म के पर्दे पर उकेरा गया था.
कादर खान के बारे में कहा जाता है कि वह रात में कब्रिस्तान जाते थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक बार कादर खान के घर के पास कब्रिस्तान में रियाज करते वक्त उनके चेहरे पर टॉर्च की रोशनी पड़ी। टॉर्च दिखाते हुए कादर खान से पूछा कि आप यहां क्या कर रहे हैं? तब कादर खान ने जवाब दिया कि वह रियाज कर रहे हैं और दिन में चाहे कितनी भी अच्छी पढ़ाई कर लें, लेकिन रात में यहां आकर रियाज करते हैं।
जानकारी के मुताबिक, कादर खान को टोर्च दिखाने वाले शख्स का नाम अशरफ खान था, जो कादर खान के सीधे जवाब से काफी प्रभावित हुए और बोले- तुम नाटकों में काम क्यों नहीं करते? इसके अलावा उन्होंने कादर खान से नाटक में अभिनय के बारे में भी पूछा. यहीं से शुरू हुआ कादर खान का नाटक में काम करने का सफर।
ये सीन कादर खान की असल जिंदगी से लिया गया है
1977 में कादर खान ने फिल्म मुकद्दर का सिकंदर का निर्देशन किया था। इस फिल्म में एक सीन फिल्माया गया था, जहां एक बच्चा कब्रिस्तान में रो रहा होता है और वहां उसकी मुलाकात एक फकीर से होती है. इस फिल्म का ये सीन कादर खान की असल जिंदगी से प्रेरित है.