Rewa News : रीवा के करीब 300 साल पुराने लक्ष्मणबाग मंदिर की हालत अब खराब है। लाखों की आय होने के बावजूद भगवान को नियमित राजभोग नहीं मिल पा रहा। जानिए कैसे ऐतिहासिक धरोहर उपेक्षा की शिकार बनी।
रीवा का ऐतिहासिक लक्ष्मणबाग मंदिर बदहाल हालात में
रीवा की शाही पहचान माने जाने वाला लक्ष्मणबाग मंदिर आज उपेक्षा का शिकार है। यह मंदिर करीब 300 साल पुराना है। इसकी स्थापना रीवा के राजा विश्वनाथ सिंह ने की थी।
कहा जाता है कि इस मंदिर में चार धाम के देवता एक स्थान पर विराजमान हैं। पहले यहां रोजाना भजन-कीर्तन होते थे। मंदिर में तुलसी और चंदन की खुशबू फैली रहती थी। पकवानों की सुगंध मंदिर परिसर को पवित्रता से भर देती थी। लेकिन अब वहां सन्नाटा छाया रहता है।

लाखों की आय
लक्ष्मणबाग मंदिर संस्थान के पास देशभर में करीब 45 स्थानों पर संपत्तियां हैं। इनसे लाखों की आय होती है। इतनी आय से भगवान को पूरे साल राजसी ठाठ से भोग लगाया जा सकता है। परंतु संस्था प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा।
विजयादशमी के अवसर पर भी मंदिर में कोई विशेष सजावट या भोग की व्यवस्था नहीं की गई। श्रद्धालु निराश होकर लौटे। लोगों का कहना है कि संस्था केवल आय पर ध्यान देती है, लेकिन सेवा पर नहीं।
2005 के बाद बढ़ी अव्यवस्था
वर्ष 2005 में मंदिर के महंत को पद से हटाकर कलेक्टर को प्रशासक बना दिया गया। तब से मंदिर धीरे-धीरे अव्यवस्था में घिर गया। पहले जहां भक्तों की भीड़ लगी रहती थी, अब वहां शांति और सूनापन है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस ऐतिहासिक मंदिर की देखभाल करनी चाहिए। यह रीवा की पहचान और आस्था का प्रतीक है। इसकी गरिमा को दोबारा वापस लाना जरूरी है।







