Singrauli News : सिंगरौली वैढ़न बुधवार को कलेक्टर के द्वारा ये आदेश जारी किया गया था कि कोयला, राखड़ आदि का परिवहन केवल बंद तिरपाल व कंटेनरों से ही किया जाए। जिससे इन वाहनों से डस्ट से प्रदूषण फैलने से रोका जा सके लेकिन, इस आदेश का दूसरे ही दिन गुरूवार को उल्लंघन करते कुछ कई हाइवा शहर क्षेत्र में बेखौफ दौड़ते रहे। ये हाइवा जिला मुख्यालय वैढ़न से नवानगर की ओर जा रहे थे और इनमें पत्थर का चूरा लोड था। इनमें से कुछ हाइवा तो तिरपाल से ढंके थे, लेकिन सिर्फ दिखाने के लिए, जिससे तिरपाल उड़कर खिसक गई थी और हाइवा में लोड पत्थर के चूरे की डस्ट लगातार उड़कर वातावरण में घुल रही थी। हाइवा के आसपास से गुजरते राहगीरों के लिए उड़ती डस्ट मुसीबत बन रही थी। अहम बात ये है कि भले ही कलेक्टर द्वारा आदेश में सिर्फ कोयला व राखड़ का जिक्र किया गया है, लेकिन जब पत्थर का चूरा भी प्रदूषण फैला रहा है, तो फिर ये नियम इस पर भी तो लागू होता है, लेकिन शायद जिम्मेदारों को इसकी परवाह नहीं है।
बेखौफ गुजरते हैं ये हाइवा
बताया जा रहा है कि पत्थर का चूरा लेकर हाइवा संभवतः मकरोहर की तरफ से आते हैं। ऐसे में ये हाइवा वैढ़न शहर में मॉडल रोड से होते हुये कलेक्ट्रेट्र, एसपी ऑफिस व नगर निगम के सामने से बेखौफ होकर गुजरते हैं और इन तमाम क्षेत्रों में भी प्रदूषण फैलाते रहते हैं। इसके बाद भी इन सभी पर कोई नकेल नहीं कसता। बताया ये भी जा रहा है कि पत्थर का चूरा का उपयोग अक्सर बालू के रूप में सड़क आदि प्रकार के निर्माण कार्यों में किया जाता है।
प्रदूषण का ग्राफ पर कर रहा खतरे का निशान
पत्थर का चूरा लेकर दौड़ते हाइवा द्वारा प्रदूषण फैलाने को इसलिए भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, क्योंकि जिला मुख्यालय वैढ़न में प्रदूषण का ग्राफ इन दिनों रोज खतरे का निशान पार कर रहा है। ये हालात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट में रोज जारी भी हो रहे हैं, लेकिन इन गंभीर हालातों के बाद और कलेक्टर के आदेश के बाद भी इन पर नकेल न कसना, सरकारी महकमे की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
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