Singrauli News : सिंगरौली में अधिग्रहण से ठीक पहले जमीन लेकर करोड़ों रुपए का मुआवजा लेने के मामले में समाचार पत्रों की खबर पर सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए है। जिसके बाद जिले के तमाम राजस्व से लेकर अन्य विभागों के अधिकारियों व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों मे हड़कंप सा मच गया है।
बड़े बड़े धुरंधरों के नाम शामिल
सीएम मोहन यादव के आदेश के बाद आनन फानन में मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की है। गौरतलब हो कि अखबारों व शोशल मीडिया में प्रकाशित खबरों में खुलासा किया गया था कि जिले में चल रही 5 परियोजनाओं में एक रैकेट बनाकर करीब 740 करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ है। जिसमें आरोप है कि कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री के भाई और परिजनों,पूर्व में भाजपा के राज्यसभा सदस्य के पीए,तत्कालीन सिंगरौली मेयर और पूर्व विधायकों ने बड़ी परियोजनाओं और कंपनियों के लिए जमीन अधिग्रहण का फायदा उठाने के लिए रातो रात औने-पौने दाम में करोड़ों की जमीन खरीदी।
विभागीय जांच समिति गठित
सौदे जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना से ठीक पहले हुए। जिसकी जांच के लिए संभागायुक्त रीवा की अध्यक्षता में अंतर विभागीय जांच समिति गठित की गई है। जिसमें अपर आयुक्त भू-अभिलेख ग्वालियर समेत उपमहानिरीक्षक पंजीयन जबलपुर सदस्य बनाए गए हैं। जिसके बाद अंदेशा जताया जा रहा है कि पूरे रैकेट की अगर बिंदुवार जांच हो तो हजारों करोड़ के घोटाले सामने आ जाएंगे। बहरहाल जांच टीम के गठित होने से बवाल मचा हुआ है। अब देखना यह बड़ा दिलचस्प होगा कि मामले में कितनी निष्पक्षता के साथ जांच होती है और क्या कुछ सामने निकलकर आता है।