Singrauli News : सिंगरौली 28 मई। जिले के निजी स्कूलों के संचालकों द्वारा पुस्तकों एवं मनमानी मोटी फीस वसूलने की शिकायते आये दिन मिलती रहती है। बैढ़न क्षेत्र में इस तरह का गोरख धंधा काफी अर्से से चला आ रहा है। विद्यालयों के संचालकों को मनमानी रवैया पर अब तक प्रशासन शिकंजा नही कस पाया है। कल सोमवार को कलेक्टर ने ऐसे मामलों की जांच के लिए टीम गठित करने का निर्देश दिया है।
ट्यूशन के नाम पर फीस में कर दी जाती है बढोत्तरी
जिले में शिक्षा माफिया का इस तरह दबदबा है कि अभिभावक भी परेशान होकर मौन हो गये। आरोप है कि जिले के कई नामी-गिरामी विद्यालयों के संचालकों द्वारा मनमानी तौर पर प्रत्येक कक्षाओं के छात्रों के फीस ट्यूशन के नाम पर बढ़ा दी जा रही है। वही यह भी आरोप है कि कई कथित हाई फाई विद्यालय के प्रबंधकों द्वारा कमीशनखोरी एवं लूट खसोट के चक्कर में कुछ एक-दो चुन्निदा दुकानों एलकेजी से लेकर 12वीं कक्षा तक कि किताबे किसी तरह मिल पाती हैं। अन्य किसी बुकस्टाल में उक्त संबंधित विद्यालयों के प्रशासकों नही मिलती है। वही यह भी आरोप है कि करीब-करीब प्रत्येक वर्ष किताबों के पाठ्यक्रम बदल दिये जाते हैं। ताकि कोई छात्र किताबों को अदला बदली न कर पाए.
स्कूलों में हर साल फीस 10 फिसदी जिला प्रशासन को बिना सूचना दिये वृद्धि कर दी जाती है। लेकिन विद्यालय में सुविधाओं में कोई वृद्धि नही की जाती है। इन्ही सभी बिन्दुओं की जांच के लिए कलेक्टर ने डीईओ सिंगरौली को जांच टीम गठित कर शीघ्र पालन प्रतिवेदन देने के लिए निर्देशित किया है। कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला के उक्त निर्देश जारी करने एवं जबलपुर में शिक्षा माफियाओं के विरूद्ध की गई व्यापक कार्रवाई से सिंगरौली शिक्षा माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है।
अभिभावकों का कहना है
वही कई अभिभावकों का कहना है कि जांच कमेटी निष्पक्ष इस बात की जांच करे कि एक-दो चुन्निदा दुकान बैढ़न के ताली एवं नवजीवन बिहार के बुकस्टाल में ही हाई फाई विद्यालयों की पुस्तके क्यो मिलती हैं। पिछले माह इसकी जांच कराई गई थी। बच्चों ने ऐसी कोई शिकायते नही की । लेकिन उसके पीछे कारण यही बताया जा रहा है कि संबंधित हाई फाई विद्यालयों के स्कूली छात्रों एवं अभिभावकों पर भारी दबाव रहता है। इसके पीछे कई कारण बताए जाते हैं। फिलहाल निष्पक्ष जांच से ही सब कुछ बेपर्दा हो सकता है।