Identification Of Fertilizer : कृषि उत्पादन बढ़ाने में उर्वरकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। किसान खुद आसान तरीके अपनाकर असली उर्वरकों की पहचान कर सकते हैं। उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास,जबलपुर रवि आम्रवंशी ने किसानों को असली उर्वरकों की पहचान करने के कुछ आसान तरीके सुझाये हैं।
यूरिया की पहचान
किसान ज्यादा उत्पादन लेने फसल में किसी उर्वरक का सबसे अधिक इस्तेमाल करते हैं तो वो यूरिया है। इसकी कीमत सबसे कम होना बड़ी वजह है। यूरिया के दाने सफेद चमकदार और आकार में गोल होते हैं। ये पानी में घुलनशील होता है तथा घोल को छूने पर ठण्डा महसूस होता है। यूरिया हथेली पर रखकर और मुट्ठी बंद कर फूंक मारने से हल्का गीला हो जाता है। खुले में रखने पर यह वातावरण की नमी अवशोषित कर गीला हो जाता है तथा गरम तवे पर डालने से यह पिघल जाता है। तेज आंच करने पर इससे अमोनिया की तीक्ष्ण गंध आती है।
डीएपी की पहचान
डीएपी कठोर दानेदार, भूरा, काला या बादामी रंग का होता है। नाखूनों से तोड़ने पर यह आसानी से नहीं टूटता। यूरिया की तरह डीएपी भी मुट्ठी में भरकर फूंक मारने पर हल्का गीला हो जाता है। इसके दानों में चूना मिलाकर हाथ से रगड़ने पर तीक्ष्ण गंध आती है। तवे पर धीमी आंच में गरम करने पर इसके दाने फूलकर बड़े हो जाते हैं।
सुपर फास्फेट की पहचान
डीएपी के विपरीत सुपर फास्फेट नरम दानेदार तथा भूरा, काला या बादामी रंग का होता है । नाखूनों से तोड़ने पर यह टूट जाता है। सुपर फास्फेट के दाने गरम करने पर यथावत बने रहते हैं, डीएपी की तरह फूलते नहीं हैं। सुपर फास्फेट भूरे मटमैले रंग के पॉवडर में भी होता है। पॉवडर को खुले में रखने पर वातावरण की नमी अवशोषित कर गीला हो जाता है।
म्यूरेट ऑफ पोटाश की पहचान
म्यूरेट ऑफ पोटाश पिसे नमक की तरह सफेद, लाल रंग की ईंट के पावडर अथवा सफेद नमक और लाल मिर्च के पावडर के मिश्रण जैसा होता है । गीला करने पर इसके कण आपस में चिपकते नहीं है । पानी में घोलने पर पोटाश का लाल भाग ऊपर तैरने लगता है। इसके कण लाई की तरह फूलकर बड़े हो जाते हैं। यह भी खुले में रखने पर वातावरण की नमी अवशोषित कर गीला हो जाता है।
एन पी के की पहचान
तवे पर धीमी आंच में गरम करने से एनपीके के दाने लाई की तरह फूलकर बड़े हो जाते हैं। खुले में रखने पर यह वातावरण की नमी अवशोषित कर गीला हो जाता है।
जिंक सल्फेट की पहचान
जिंक सल्फेट के दाने हल्के सफेद, पीले तथा भूरे बारीक कणों के आकार के होते हैं। डी ए पी के घोल में जिंक सल्फेट का घोल मिलाने पर थक्केदार घना अवशेष बन जाता है।
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